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कुंभ फर्जी Covid टेस्ट घोटाला: 60 हजार नंबरों की जांच पूरी, पहली गिरफ्तारी जल्द

Covid Test Scam की जांच करने वाली कमेटी कर चुकी है करीब 60 हजार फोन नंबरों की जांच, करीब 35 हजार की जांच अभी बाकी है

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हरिद्वार महाकुंभ के दौरान किए गए कथित फर्जी Covid टेस्ट स्कैम (Kumbh Covid Test Scam) की जांच करने वाली कमेटी ने कहा है कि कमेटी ने यहां आने वाले लोगों के करीब 60 हजार फोन नंबरों का वेरिफिकेशन कर लिया है. ये वो लोग हैं जिन्हें लेकर ये दावा किया गया था कि इस साल की शुरुआत में इस बड़े धार्मिक आयोजन के दौरान इनका कोरोना का टेस्ट किया गया था. इस कथित घोटाले की जांच कर कर रही उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि वो अगले कुछ ही दिनों में इस मामले से जुड़ी पहली गिरफ्तारी करने वाली है.

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जांच कमेटी का नेतृत्व कर रहे हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी (CDO) सौरभ गहरवार ने कहा कि यहां आए अन्य लोगों के करीब 35 हजार फोन नंबरों का वेरिफिकेशन किया जाना बाकी है. और इस प्रक्रिया को पूरा होने में करीब 10 दिनों तक का समय लग सकता है. हालांकि, उन्होंने अब तक की गई जांच के बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया है.

टेस्टिंग में शामिल एजेंसी के कुछ लोगों से की गई पूछताछ

गहरवार के नेतृत्व वाली कमेटी ने इसके पहले मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज नाम की एक एजेंसी के कुछ प्रतिनिधियों से पूछताछ की. इस एजेंसी ने नलवा लैब और डॉ. लाल चंदानी लैब के साथ टेस्टिंग का कॉन्ट्रैक्ट किया था. इन लैब्स ने करीब 1.50 लाख टेस्ट करने का दावा किया है. लेकिन इन पर आरोप है कि उन्होंने नकली और फर्जी डेटा का इस्तेमाल कर आंकड़े पेश किए हैं, जैसे कि फोन नंबर और आधार नंबर का फर्जी डेटा.

वेरिफिकेशन के लिए बाकी हैं करीब 35 हजार नंबर

गहरवार कमेटी इनवेस्टिगेशन में फोन नंबरों की जांच कर रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कितने फर्जी टेस्ट किए गए हैं. गहरवार ने बताया कि,

''हमें टेस्ट में बताए गए करीब 1 लाख नंबरों की जांच करनी थी. इनमें से हमने करीब 60 हजार का वेरिफिकेशन पूरा कर लिया है. जबकि करीब 35 हजार नंबर अभी बाकी हैं.''

उन्होंने आगे कहा कि वेरिफिकेशन होने में कम से कम 10 दिन और लगेंगे.

SIT भी कर रही है इस मामले में जांच

इस मामले की जांच हरिद्वार जिला पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) भी कर रही है. टीम के मुताबिक अगले कुछ दिनों में पहले गिरफ्तारी हो सकती है.

SIT के एक अधिकारी के मुताबिक, SIT ने आरोपियों से पूछताछ और डॉक्युमेंट की जांच के बाद कई जानकारी इकट्ठा की हैं. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ हद तक ये निश्चित है कि कोविड टेस्ट में घोटाला हुआ है. और ये टेस्ट करने वाली लैब्स की ओर से धोखाधड़ी करके पैसे निकालने के लिए किया गया है. अधिकारी ने आगे बताया कि SIT अगले कुछ दिनों में ही एक लैब से पहली गिरफ्तारी करने वाली है.

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हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अवूदई के राज ने कुछ भी पुष्टि करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, उन्होंने कहा, "SIT अलग-अलग लोगों से पूछताछ करके कथित घोटाले के हर पहलू की जांच कर रही है. इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा."

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