ADVERTISEMENTREMOVE AD

हर्ष मंदर को मिला जमकर समर्थन, एक्टिविस्ट बोले- ED छापेमारी से डरा रही सरकार

29 एक्टिविस्टों और बुद्धिजीवियों के समूह में किया साझा बयान जारी, कहा आलोचकों को चुप कराने के लिए ED का दुरुपयोग"

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और एक्टिविस्ट हर्ष मंदर (Harsh Mander) के घर और कार्यालय पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे को लेकर कई एक्टिविस्टों, बुद्धिजीवियों समेत विपक्षी नेताओं ने आलोचना की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बता दें कि 16 सितंबर को ED की ये रेड हर्ष मंदर और उनकी पत्नी के 9 महीने की फेलोशिप के लिए जर्मनी रवाना होने के कुछ घंटों बाद ही हुआ. वसंत कुंज में उनके घर के साथ- साथ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज और महरौली में मंदर द्वारा संचालित बच्चों के घर पर भी कथित तौर पर ईडी ने छापा मारा है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि,

“राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य हर्ष मंदर के घर और दफ्तर पर ईडी का छापा. मैं हर्ष मंदर और उनके बच्चों के आवास/कार्यालय पर ईडी के छापे की कड़ी निंदा करता हूं, जब वो और उनकी पत्नी दोनों दिल्ली में नहीं हैं.”

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राजनीतिक एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव ने सरकार पर ED के छापे से डराने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया कि,

"इस शासन के खिलाफ खड़े हो जाओ और आपको ईडी के छापे का सामना करना होगा. कमाल है सरकार सोचती है कि यह हर्ष मंदर जैसे लोगों को इन छापेमारी से डरा सकती है. हर्ष भाई, आपको और आपके काम को और ताकत मिले."

वरिष्ठ वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने छापे को दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक करार देते हुए कहा कि,

“दुर्भावनापूर्ण और अपमानजनक! हम जनहित कार्यकर्ताओं और संगठनों को टारगेट और अक्षम करने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करने का एक व्यवस्थित प्रयास देख रहे हैं”

ईडी के छापे के बाद हर्ष मंदर को फिल्म मेकर, लेखिका, अभिनेत्री और एक्टिविस्ट नंदिता दास का भी साथ मिला. उन्होंने ट्वीट किया कि,

“उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानने और उनके साथ काम करने के बाद, मैं केवल इतना कह सकती हूं कि यह रेड ही सब कुछ कहता है. हर्ष मंदर के साथ खड़ी हूं ”
ADVERTISEMENTREMOVE AD

29 एक्टिविस्टों और बुद्धिजीवियों के समूह का साझा बयान जारी

इसके अलावा 29 एक्टिविस्टों और बुद्धिजीवियों के समूह ने साझा बयान जारी कर हर्ष मंदर के घर और दफ्तरों पर ईडी के छापेमारी की निंदा की. उन्होंने कहा कि ईडी के छापे अपने आलोचकों को चुप कराने के लिए "राज्य संस्थानों के दुरुपयोग की निरंतर श्रृंखला" का एक हिस्सा है.

“हम एक प्रमुख मानवाधिकार और शांति कार्यकर्ता को परेशान करने और डराने के लिए इन छापों की निंदा करते हैं, जिन्होंने ईमानदारी और ईमानदारी के उच्चतम नैतिक मानकों को कायम रखते हुए शांति और सद्भाव के लिए काम करने के अलावा कुछ नहीं किया है. पिछले एक साल में, हर्ष मंदर और CES को कई राज्य एजेंसियों द्वारा निरंतर उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है.”
29 एक्टिविस्टों और बुद्धिजीवियों का साझा बयान

बयान पर हस्ताक्षर करने वाले 29 लोगों में एक्टिविस्ट अरुणा रॉय, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद, महिला कार्यकर्ता कविता कृष्णन और एनी राजा शामिल हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×