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Haryana Board Exam 2022: क्लास 5 और 8 के एग्जाम रद्द,अगले साल होंगी परीक्षाएं

कई अभिभावकों, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन्स ने परीक्षा आयोजित करने के विरोध में प्रदर्शन किया था

Published
भारत
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हरियाणा (Haryana) सरकार ने इस साल के लिए कक्षा 5 और 8 के लिए बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है. सरकार द्वारा यह फैसला लेने के बाद अभिभावकों द्वारा रविवार को गुरुग्राम में विरोध प्रदर्शन किया गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि परीक्षाएं अगले सत्र से आयोजित की जाएंगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने अगली सूचना जारी होने तक क्लास 5 और 8 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया है.

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कई अभिभावकों, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन और सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों द्वारा क्लास 5 और 8 की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का विरोध किया गाय था.

इसके बाद ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने यह फैसला लिया है. जारी की गई सूचना के मुताबिक बोर्ड एग्जाम अगले सत्र से आयोजित किए जाएंगे.

इस साल कक्षा 5 वीं और 8 वीं के लिए कोई बोर्ड परीक्षाएं नहीं होगी. सीबीएसई और हरियाणा बोर्ड दोनों की परीक्षाएं फिलहाल स्थगित कर दी गई हैं. अगले सत्र से 5 वीं और 8 वीं कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएंगी.
मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री, हरियाणा
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हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों जनवरी में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें राज्य के सभी स्कूलों के लिए कक्षा 5, 8 और बोर्ड परीक्षा 2022 आयोजित करने की बात कही गई थी. हरियाणा स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) ने 28 जनवरी, 2022 को इन परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा (BSEH) को प्रमुख निकाय के रूप में नियुक्त किया.

तमाम तरह की चिंताओं के बावजूद हरियाणा सरकार ने शुक्रवार, 18 फरवरी को क्षेत्र में स्थित सभी स्कूलों में कक्षा 8 की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला किया, भले ही वे स्टेट बोर्ड से संबद्ध न हों.

इस फैसले के बाद रविवार को गुरुग्राम (गुड़गांव) में अभिभावकों और प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन्स द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था.

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प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन के कई अधिकारियों ने बताया कि कक्षा 8 की बोर्ड परीक्षा छात्रों के लिए व्यावहारिक समस्याएं पैदा कर सकती है क्योंकि अलग-अलग बोर्ड सिलेबस और पैटर्न के एक अलग सेट पर कार्य करते हैं. शिक्षकों और अधिकारियों ने दावा किया कि इस तरह के फैसले विद्यार्थियों के लिए तनाव की वजह बन सकते हैं.

दूसरी ओर, माता-पिता ने बोर्ड परीक्षा के इस फैसले का विरोध किया क्योंकि उन्होंने दावा किया कि ऐसे में विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा का अर्थ भी नहीं समझेंगे. उन्होंने परीक्षा-आधारित पैटर्न की तुलना में ज्ञान-आधारित स्टडी पैटर्न पर जोर दिया.

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