Haryana Farmers protest: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जारी किसानों का आंदोलन समाप्त हो गया है. हरियाणा की खट्टर सरकार ने किसानों की सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य की मांग को स्वीकार कर लिया है. इसके साथ-साथ प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज सभी मुकदमें वापस लिए जाएंगे. गुरनाम सिंह चढूंनी समेत सभी नेताओं की कल रिहाई हो जायेगी.
सरकार और किसानों के बीच किस बात पर बनी सहमति
किसानों को सूरजमुखी की फसल के लिए ₹6400 प्रति क्विंटल देने के लिए प्रशासन तैयार हुआ.
किसानों की सूरजमुखी की फसल ₹5000 प्रति क्विंटल बिकेगी जबकि ₹1400 प्रति क्विंटल भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों के खाते में भेजा जाएगा.
किसानों पर सभी मुकदमे होंगे खारिज. बुधवार शाम तक किसानों के बीच पहुंच जाएंगे गुरनाम सिंह चढूनी.
"आगे भी MSP पर लड़ाई पूरे देश में करेंगे"
किसानों के आंदोलन की समाप्ति की घोषणा करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कुरुक्षेत्र में कहा, "आंदोलन समाप्त हुआ है. आज सभी रास्ते खोल दिए जाएंगे. हम इसलिए विरोध कर रहे थे कि हमारी फसल MSP पर खरीदी जाए. हम आगे भी MSP पर लड़ाई पूरे देश में करेंगे. भारत सरकार की MSP को लेकर जो दर है वह देना होगा.
सूरजमुखी के बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मुल्य की मांग पर एक संयुक्त प्रेस वार्ता में किसान नेता करम सिंह मथाना ने कहा कि हमने एक हफ्ते तक संघर्ष किया है और आज आप सबके सहयोग से हमारी मांग को सरकार ने मान लिया है.
किसानों ने NH-44 किया जाम किया था
हरियाणा और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे को किसानों ने सोमवार, 12 जून से जाम कर दिया था. किसानों ने सरकार पर सूरजमुखी के बीज को MSP पर नहीं खरीदने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन के तहत एनएच 44 पर मार्ग को रोकने का फैसला किया था.
राकेश टिकैत ने लगातार ये कहा कि हाईवे पर जाम की बात सब करते हैं लेकिन किसानों की बात कोई नहीं करता है. किसानों पर लाठी चलाई जा रही है. देश में एमएसपी पर बड़ा सवाल है, एमएसपी पर आंदोलन होंगे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)