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हरियाणा कॉन्स्टेबल भर्तीः2 साल में 2 बार पेपर,2 बार रिजल्ट-नौकरी फिर भी ना मिली

HSSC ने जिस नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले से रिजल्ट दिया उसे लेकर अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंच गए और भर्ती पर अभी भी स्टे.

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भारत
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देश जब बेरोजगारी (Unemployment) में नए कीर्तिमान गढ़ रहा है और युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं. ऐसे में सालों से अटकी भर्तियां और लीक होते पेपर जख्मों पर नमक की तरह हैं. उस पर भी मीडिया और चुनावों में रोजगार (Employment) का मुद्दा ना बन पाना अलग परेशानी. इसी परेशानी को जनता के सामने रखने के लिए, सोती सरकारों को जगाने के लिए, भ्रष्ट सिस्टम को हिलाने के लिए और आपकी कहानी बताने के लिए क्विंट हिंदी एक नौकरी (Government Job) सीरीज लेकर आया है. जिसमें आप पढ़ेंगे उन अधूरी पड़ी भर्तियों की स्टोरी जो युवाओं को और ज्यादा निराश कर रही हैं. इस सीरीज में हम हर राज्य के भर्ती सिस्टम को खंगालेंगे.

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इसी के तहत हम पहली स्टोरी हरियाणा से लेकर आये हैं. क्योंकि अगस्त में ये राज्य देशभर में बेरोजगारी में नंबर वन था. और सालभर बेरोजगारी के मामले में हरियाणा टॉप-5 में ही बना रहता है. तो चलिए पहले ये जान लीजिए कि हम किस भर्ती की बात कर रहे हैं और उस पर ताजा अपडेट क्या हैं. उसके बाद आपको बताएंगे कि हरियाणा पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में कितने फेर हैं. और अभ्यर्थियों ने हाइट और नंबरिंग सिस्टम से लेकर किन-किन चीजों पर आपत्ति जताई है.

किस भर्ती के बारे में बात हो रही है? हरियाणा पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती की बात हम कर रहे हैं. जिसकी लिखित परीक्षा का पेपर 7 अगस्त 2021 को लीक हुआ था. इसे हरियाणा के सबसे बड़े पेपर लीक में से एक माना गया. इस पेपर लीक के बाद हरियाणा सरकार भी मानने को तैयार हुई कि HSSC के रहते हुए भी पेपर लीक हुआ. वरना उससे पहले हरियाणा सरकार ने ज्यादातर मौकों पर पेपर लीक की बात मानी ही नहीं थी. इस भर्ती के तहत 5500 पुरुष और 1100 महिला सिपाहियों को हरियाणा पुलिस में शामिल होना था.

भर्ती पर ताजा अपडेट क्या है? फिलहाल हरियाणा पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती 2021 पर हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट ने स्टे लगा रखा है. हालांकि पेपर लीक के बाद HSSC ने दोबारा 30 अक्टूबर, 1 नवंबर और 2 नवंबर 2021 को लिखित परीक्षा ली. जिसका रिजल्ट 17 जून 2022 को जारी कर दिया गया. लेकिन ये नौकरी की डगर इतनी आसान कहां...आग का दरिया है और डूबकर जाना है. इसके बाद HSSC ने जिस फॉर्मूले से अभ्यर्थियों को नंबर दिये उसको लेकर ऐतराज उठा और मामला हाई कोर्ट पहुंच गया. तब से लेकर अब तक मामला कोर्ट में है, भर्ती पर स्टे है और अब अगली सुनवाई फरवरी के पहले हफ्ते में होनी है.

हाई कोर्ट में क्यों है केस? ये जानने के लिए हमने हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील रविंद्र ढुल से बातचीत की. जो 400 से ज्यादा अभ्यर्थियों की तरफ से हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड (HSSC) के खिलाफ केस लड़ रहे हैं. उन्होंने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा कि,

इस भर्ती में बहुत दिक्कतें हैं. कई अभ्यर्थी मेरे पास ऐसे हैं जिनका कहना है कि उनकी हाइट पूरी है लेकिन उसे कम करके दिखाया गया है. लेकिन इसमें सबसे मेन नॉर्मलाइजेशन पर्सेंटाइल की दिक्कत है.
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नॉर्मलाइजेशन पर्सेंटाइल सिस्टम क्या है?

HSSC ने हरियाणा पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में नॉर्मलाइजेशन पर्सेंटाइल स्कीम को अपनाया. इसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि मान लीजिए तीन शिफ्ट में लिखित परीक्षा हुई. किसी ने एक शिफ्ट में ज्यादा अंक प्राप्त किये और किसी ने दूसरे में और किसी ने तीसरी शिफ्ट में ज्यादा नंबर हासिल किये. तो इसमें कमीशन नॉर्मलाइज फ़ॉर्मूला लगाकर ये देखेगा कि किस अभ्यर्थी ने भारी सवाल हल करके नंबर प्राप्त किये हैं और किसने आसान सवालों के जवाब दिये हैं. फिर उनको वो अपने हिसाब से नॉर्मलाइज करते हैं. इसी पर अभ्यर्थियों को आपत्ति है.

कोर्ट ने HSSC से पूछा है कि आप बताइए कि कैसे आपने फॉर्मीला लगाया और हाई कोर्ट ने इसकी जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का भी गठन किया किया है.
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अभ्यर्थी क्या कह रहे हैं?

क्विंट हिंदी ने हरियाणा कॉन्सटेबल भर्ती में परीक्षा देने वाले कई अभ्यर्थियों से बात की. हिसार के रहने वाले मुकेश ने बताया कि पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती में मेरा चयन हो गया था, लेकिन अभी ये भर्ती अटकी हुई है. जिससे मेरा भविष्य अंधकार में है. मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि इसमें मेरी क्या गलती है.

उन्होंने आगे कहा कि,

नॉर्मलाइजेशन वाला फॉर्मूला किस तरह से इस्तेमाल किया गया है, हमें कोई जानकारी नहीं है. HSSC को ये साफ करना चाहिए.
HSSC ने जिस नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले से रिजल्ट दिया उसे लेकर अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंच गए और भर्ती पर अभी भी स्टे.

युनानगर के रहने वाले अनुज ने बताया कि मैंने भी हरियाणा पुलिस कॉन्स्टेबल की भर्ती में किस्मत आजमाई थी लेकिन बार-बार पेपर का लीक होना मेरा हौसला तोड़ रहा है. सरकार को पेपर लीक पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए ताकि हमारे भविष्य से खिलवाड़ ना हो सके.

एक और अभ्यर्थी सुनील कुमार जो फतेहाबाद जिले के रहने वाले हैं, उन्होंने कहा कि-

मैंने भी कॉस्टेबल भर्ती का पेपर दिया था लेकिन हमें पेपर देते वक्त ही पता चल गया था कि पेपर लीक हो गया था. जिसका मुझे बहुत दुख हुआ, उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास रोजगार नहीं है, सरकार युवाओं की भावनाओं से खेल ही है जो सरासर गलत है.

HSSC का क्या कहना है? हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन के चेयरमैन भोपाल सिंह ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि अभी भर्ती हाई कोर्ट में अटकी है. हमने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. कितना वक्त इसके क्लियर होने में लगेगा कह नहीं सकते.

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एक भर्ती कई विवाद

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस भर्ती में एक नहीं बल्कि कई विवाद हुए हैं. पहले तो अगस्त में पेपर लीक हुआ उसकी जांच अभी तक एसआईटी कर रही है. जिसमें 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हुए हैं. फिर अक्टूबर-नवंबर 2021 में फिर से लिखिल परीक्षा ली गई. जिसका रिजल्ट जारी करने के बाद महिला सिपाहियों वाला रिजल्ट HSSC वापस ले लिया. फिर दोबारा रिजल्ट जारी किया. जिसे अभ्यर्थियों ने कोर्ट में चैलेंज कर दिया. अब मामला हाई कोर्ट में है और फरवरी 2023 में सुनवाई होनी है तो उससे पहले ज्वाइनिंग का सवाल ही नहीं उठता.

जरा सोचिए इस भर्ती के लिए 13 दिसंबर 2020 को HSSC ने विज्ञापन जारी किया था. तब से करीब दो साल बीत चुके हैं लेकिन अभ्यर्थी अभी फाइनल रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. जिनका सेलेक्शन हो गया है वो भी कन्फ्यूजन में हैं और जो कोर्ट गए हैं उनका भविष्य तो अंधकार में है ही.

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