बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अबतक 100 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि सीएम नीतीश कुमार अबतक हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर नहीं पहुंचे. ऐसे में जब जेडीयू विधायक और बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक से पत्रकारों ने सीएम के नहीं आने पर सवाल किया तो इसका जवाब देने के बजाय नीतीश के मंत्री भड़क गए. उन्होंने उल्टे सवाल पूछा कि.क्या जरूरी है? मरीजों की निगरानी और इलाज कराना या उनका (सीएम नीतीश कुमार) यहां (मुजफ्फरपुर) आना? सीएम हर कुछ मॉनिटर कर रहे हैं.”
सोमवार को श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने बताया कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है.
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का दौरा किया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बच्ची की मौत स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में ही हो गई थी. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार को भी सात बच्चों की मौत हो गई.
हालांकि, अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी के कारण अनऑफिशियल तौर पर 120 से अधिक की मौत होने की बात कही जा रही है क्योंकि कुछ बच्चों की मौत अस्पताल में भर्ती होने से पहले हो गई थी.
बिहार सरकार ने 4 लाख रुपए मुआवजा का किया ऐलान
मुजफ्फरपुर में एईएस से हुई बच्चों की मौतों पर दुख जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस भयंकर बीमारी से मारे गए बच्चों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से जल्द ही चार-चार लाख रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है.
अश्विनी चौबे-मंगल पांडेय भी थे साथ
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ हर्षवर्धन ने श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया. इस बीच शहर में एसकेएमसीएच और निजी केजरीवाल अस्पताल में एईएस के लक्षणों के साथ नए मामलों का सामने आना जारी है.
राज्य सरकार की एडवाइजरी में लीची से बचने की सलाह
राज्य सरकार ने इंसेफेलाइटिस को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की है. जिसमें लीची से सावधानी बरतने के साथ-साथ कई सारी हिदायत भी दी है. एडवाइजरी के मुताबिक बच्चों को खाली पेट लीची न खाने की सलाह दी गई है, इसके साथ ही कच्ची लीची से भी परहेज करने को कहा गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)