रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को दिल्ली में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लद्दाख की स्थितियों का जायजा लिया. इसमें भारत ने सीमावर्ती इलाके में चीन के अड़ियलपन के खिलाफ कड़ा रवैया रखते हुए सैनिकों की संख्या कम ना करने का फैसला लिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि बैठक में दोहाराया गया है कि जब तक चीन अप्रैल की स्थिति पर वापस नहीं लौटता, सैनिकों की वापसी नहीं की जाएगी.
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल, CDS बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे. बता दें भारत और चीन के बीच बातचीत में डेडलॉक आ गया है. चीन ने पैंगोंग त्सो और देपसांग के विवादित बिंदुओं से अपनी सेना पीछे हटाने से इंकार कर दिया है. मई से ही चीन ने फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच की आठ किलोमीटर लंबी जमीन पर कब्जा कर रखा है.
भारत ने सर्दियों में लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था भी शुरू कर दी है. यहां भारत करीब 35,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर रहा है.
भारत और चीन के बीच मई की शुरुआत से ही तनाव बरकरार है. 15 और 16 जून के बीच की रात में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे. वहीं चीन के भी कई सैनिक मारे जाने की पुष्टि हुई थी. यह पिछले 45 सालों में पहली हिंसक झड़प थी.
दोनों के देशों के बीच अबतक पांच बार कमांडर लेवल की बातचीत हो चुकी है. इसमें कई विवादित बिंदुओं पर सेना हटाए जाने की सहमति बन चुकी है. लेकिन पेंगोंग त्सो और देपसांग पर चीन ने अड़ियल रवैया अपना रखा है और जिस जमीन पर कब्जा किया है, अब उसे ही स्टेट्स-को बनाने पर अड़ा है.
पढ़ें ये भी: अमेरिका में बाइडेन और हैरिस की सरकार भारत के लिए अच्छी या बुरी?
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)