65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में अवॉर्ड नहीं लेने वाले विजेताओं को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय डाक के जरिए ये अवॉर्ड देगा. जिन 50 विजेताओं ने अवॉर्ड नहीं लिया था उन्हें उनके घर पर मेडल, चेक और सर्टिफिकेट भिजवाया जाएगा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, ''कार्यक्रम में नहीं आने वालों को डाक के जरिए घर पर ही नेशनल अवॉर्ड भेजा जाएगा. पहले भी अगर कोई किसी कारण से नहीं आ पाया है तो उसे अवॉर्ड भेजे गए हैं.''
दरअसल, 137 विजेताओं को 3 मई को 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में सम्मानित किया जाना था. लेकिन जब खबर आई कि इनमें से सिर्फ 11 को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पर सम्मान मिलेगा तो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के कुछ लोग इससे नाराज हो गए और उन्होंने समारोह में न जाने के फैसला किया.
समारोह का बहिष्कार करने के साथ ही 70 कलाकारों ने राष्ट्रपति और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के नाम एक खत लिखा था, जिसमें अपनी नाराजगी जाहिर की थी. खत में उन्होंने 64 साल से चले आ रहे प्रोटोकॉल के टूटने का भी जिक्र किया. हालांकि 70 में से 20 कलाकार बाद में समारोह में जाने के राजी हो गए थे.
नेशनल अवॉर्ड दिल्ली के विज्ञान भवन में बांटे गए थे. जिसका आयोजन दो चरणों में हुआ था. पहला सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने विजेताओं को अवॉर्ड दिया. दूसरे चरण में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 11 विजेताओं को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार से सम्मानित किया.
बवाल इसलिए भी बढ़ गया क्योंकि विजेताओं को जो अवॉर्ड मिला और अखबारों में जो विज्ञापन छपा था उसमें में भी लिखा था कि विजेताओं को राष्ट्रपति अवॉर्ड देंगे.
उम्मीद है कि विजेता अवॉर्ड को डाक के जरिए स्वीकार करेंगे क्योंकि उन्होंने समारोह का बहिष्कार किया था न कि अवॉर्ड लेने से मना किया था.
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