कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूर हुए हैं. आमदनी का जरिया और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने की वजह से लाखों मजदूरों ने पैदल ही घर का सफर तय किया. इस दौरान कई हादसों में कई मजदूरों की मौत भी हो गई. अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस मामले पर बयान आया है. एक इंटरव्यू के दौरान शाह ने कहा कि मजदूरों का संयम खत्म हो गया था, इसलिए वो पैदल चल दिए थे.
CNN-News18 के साथ एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि राज्यों में मौजूद प्रवासी मजदूरों का संयम खत्म हो गया था और वो अपने घरों के लिए पैदल चल दिए. शाह ने कहा कि इस संकट के दौरान कुछ अवांछित हादसे भी हुए.
हालांकि, शाह ने कहा कि जो मजदूर अपने राज्य लौटना चाहते थे, उनके लिए सरकार ने ट्रांसपोर्ट का इंतजाम किया. शाह बोले, "हमने बस शुरू की, जिससे इन मजदूरों को रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया और फिर वहां से वो अपने घर जा सके."
ये सच है कि ऐसी कुछ घटनाएं हुई हैं, जो नहीं होनी चाहिए थीं. ये सब 5-6 दिन के लिए हुआ. इसके बाद हमने सुविधाएं दिन और लोगों ने उसे समझना शुरू किया. अब तक केंद्र ने राज्यों को प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था करने के लिए 11,000 करोड़ दिए हैं. 41 लाख मजदूर बसों के जरिए और 55 लाख को ट्रेनों के जरिए घर भेजा गया है.अमित शाह
'स्वदेशी खरीदने से इकनॉमी ठीक होगी'
लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां रुक गई थीं. इस वजह से इकनॉमी में तेज गिरावट देखने को मिली. इस पर अमित शाह ने कहा कि भारत के 130 करोड़ लोग ही उनकी ताकत है और अगर ये लोग विदेशी सामान न खरीदें तो इकनॉमी में उछाल देखने को मिलेगा.
CNN-News18 के इंटरव्यू में शाह ने हर भारतीय से स्थानीय सामान इस्तेमाल करने को कहा. शाह ने कहा, "पीएम मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' को समर्थन दें. आत्म निर्भर भारत पैकेज इकनॉमी ठीक करने में मदद करेगा."
विदेशी सामान पर शाह का बयान ऐसे समय में आया है जब 1 जून को गृह मंत्रालय ने पैरामिलिट्री कैंटीन से कुछ विदेशी सामान को हटाने का आदेश वापस ले लिया था. मई में शाह ने कहा था कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस फोर्सेज (CAPF) की कैंटीनों में 1 जून से सिर्फ स्वदेशी सामान ही बिकेगा.
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