JEE मेंस का रिजल्ट आ चुका है और IIT में एडमिशन के लिए 20 मई को JEE एडवांस्ड है. इस एग्जाम के लिए अब गिनती के दिन बचे हैं. ऐसे में नये सिरे से परीक्षा की तैयारी के लिए आपके पास समय नहीं है. ऐसे में बेहतर स्कोर हासिल करने के लिए सटीक रणनीति पर काम करने की जरूरत होगी.
JEE एडवांस्ड में शामिल होने से पहले इन 10 बातों पर एक बार जरूर नजर डाल लें. स्ट्रैटजी तैयार करने में मिलेगी मदद.
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- पिछले कुछ सालों के ट्रेंड पर नजर डालें, तो साल-दर-साल जेईई में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. लेकिन बात अगर कटऑफ की करें, तो पिछले कुछ सालों में जेईई मेंस के कट-ऑफ में तेजी से कमी आई है. साल 2014 में जहां जनरल कैटगरी के लिए कटऑफ 115 था, इस साल यानी 2018 में घटकर 74 पर पहुंच गया है. इससे पहले साल 2015 में कटऑफ 105 गया था, जबकि 2016 में घटकर 100 और 2017 में घटकर 81 तक पहुंच गया.
- पिछले चार सालों से जेईई मेंस क्वालिफाई कर जेईई एडवांस्ड में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या भी काफी बढ़ी है. साल 2014 और 2015 में 1 लाख 50 हजार स्टूडेंट्स ने जेईई एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई किया था. लेकिन इस साल ये आंकड़ा बढ़कर 2 लाख 24 हजार तक पहुंच गया है. साल 2016 में ये आंकड़ा 2 लाख और 2017 में 2 लाख 20 हजार था.
- जेईई एडवांस्ड में शामिल होने वाले दो लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स में से करीब 11 हजार का ही देश 23 आईआईटी में एडमिशन हो पाता है. इनमें से भी टॉप आईआईटी की बात करें तो दिल्ली, बॉम्बे, कानपुर, खड़गपुर और मद्रास में एडिमिशन के लिए हाई स्कोर लाने की जरूरत होगी.
- जेईई एडवांस्ड के परीक्षा पैटर्न को लेकर जेईई की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी जाती है. अंतिम समय तक इस बात का खुलासा नहीं किया जाता है कि परीक्षा में किस तरह के और कितने अंकों के सवाल पूछे जाएंगे.
- पिछले सालों के पैटर्न पर ध्यान दें, तो जेईई एडवांस्ड में दो पेपर होते रहे हैं. दोनों ऑब्जेक्टिव टाइप के होते रहे हैं और इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के सवाल पूछे जाते रहे हैं. ऐसे में बैक ईयर के क्वैश्चन पेपर को देखकर ही तैयारी को अंतिम रूप देना सही रहेगा.
- इस साल पहली बार जेईई एडवांस्ड पूरी तरीके से ऑनलाइन मोड यानी कंप्यूटर आधारित हो रहा है. ऐसे में अगर स्टूडेंट्स इससे बहुत ज्यादा फ्रेंडली नहीं है तो अभी से कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन टेस्ट देना शुरू कर दें, ताकि एग्जामिनेशन हॉल में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
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- आईआईटी में सीट पक्की करने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स इन तीनों विषयों में अलग-अलग स्कोर हासिल करना होगा. साथ ही इसे क्वालिफाई करने के लिए एक तय ओवरऑल स्कोर हासिल करना भी जरूरी है.
- अगर एक पेपर में तीनों सब्जेक्ट के 60-60 अंक के सवाल पूछे जाते हैं. तो पिछले साल के कट ऑफ के हिसाब से स्टूडेंट को हर सब्जेक्ट में 10प्रतिशत अंक यानी की 6-6 अंक मतलब दोनों पेपर मिलाकर 12-12 अंक हासिल करने होंगे. साथ ही ओवरऑल 35 फीसदी अंक हासिल करने जरूरी होंगे. यानी अगर दोनों पेपर 180-180 अंक के हुए हो तो कुल 360 अंक में से 126 अंक हासिल करने जरूरी होंगे. इसके अलावा 12वीं की परीक्षा में टॉप-20 पर्सेंटाइल में भी आपका नंबर आना जरूरी है.
- जेईई की तैयारी कराने वाली कोचिंग FIITJEE के डायरेक्टर आर एल त्रिखा के मुताबिक, बचे हुए गिनती के दिनों में क्विक रिवीजन करने और मॉक टेस्ट सॉल्व करने से काफी फायदा मिलेगा.
- ट्रिक्स और टिप्स पर ध्यान देते हुए तैयारी करना बेहतर रिजल्ट देने का काम करेगा, बैक ईयर के क्वैश्चन पेपर को ध्यान से देखें और उसे समझकर अपनी स्ट्रैटजी तैयार करें. बगैर किसी तनाव के एग्जामिनेशन हॉल में पूरी स्ट्रैटजी के साथ स्पीड मेंटेन करते हुए पेपर दें.
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