भारतीय वायु सेना ने सुरक्षा कारणों के मद्देनजर विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान का श्रीनगर एयरबेस से ट्रांसफर कर दिया है. अब अभिनंदन वर्तमान को वेस्टर्न सेक्टर के एक महत्वपूर्ण एयरबेस पर तैनात किया गया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने वायुसेना से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा है कि विंग कमांडर अभिनंदन के ट्रांसफर ऑर्डर अधिकारियों ने भेज दिए हैं. उन्हें अब श्रीनगर से बाहर कहीं और तैनात किया जाएगा.
फिर फाइटर प्लेन उड़ा सकते हैं अभिनंदन
विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान अब फिर फाइटर प्लेन उड़ा सकते हैं. बेंगलुरू के इंस्टीट्यूट ऑफ एरोस्पेस मेडिसिन में उन्हें इसके लिए कुछ टेस्ट से गुजरना पड़ेगा. उसके बाद उन्हें वापस कॉकपिट में लौटने का मौका मिल सकता है. हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के दो सीनियर अफसरों ने संभावना जताई है कि अभिनंदन को दोबारा फाइटर प्लेन उड़ाने की अनुमति मिल जाएगी.
एयरफोर्स के एक अफसर के मुताबिक, इस तरह के मामले में स्पेशलिस्ट पायलट की हेल्थ को 12 हफ्तों तक मॉनिटर करते हैं. इसलिए अभिनंदन का स्वास्थ्य उन्हें विमान उड़ाने की इजाजत देता है या नहीं यह मई के आखिर में ही पता चल सकेगा. लेकिन अभिनंदन के मौजूदा स्वास्थ्य और उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए लगता है कि वह जल्द ही फाइटर प्लेन उड़ान लगेंगे.
वर्तमान को फाइटर प्लेन उड़ाने की इजाजत देने से पहले कोई हल्की ग्राउंड ड्यूटी दी जा सकती है. वर्तमान मार्च मध्य से ही मेडिकल लीव पर हैं. इस दौरान उन्होंने श्रीनगर में अपने स्क्वॉड्रन में रहना उचित समझा. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अभिनंदन को वीर चक्र मिल सकता है. यह तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है.
अभिनंदन ने मार गिराया था पाकिस्तान का फाइटर F-16
विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने 27 फरवरी को मिग-21 बायसन जेट से पाकिस्तान के एफ-16 विमान को मार गिराया था. उस दौरान उनके विमान को भी नुकसान पहुंचा था, जिसके बाद उन्हें इमरजेंसी एग्जिट लेना पड़ा. इसके बाद अभिनंदन का पैराशूट पीओके में उतरा, जहां उन्हें स्थानीय लोगों की मदद से पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था.
बाद में 1 मार्च को पाकिस्तान ने शांति पहले के तौर पर अभिनंदन को छोड़ दिया था. विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहली बार हुआ है जब एफ-16 को मिग-21 बायसन ने मार गिराया हो क्योंकि दोनों की जनरेशन अलग है. यह कार्रवाई पुलवामा आतंकी हमले के बाद की गई थी.14 फरवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
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