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IIT-BHU Rape Case: कोई BJP पार्षद का दामाद,कोई MLA का करीबी-रेप के आरोपियों की कुंडली

IIT-BHU Rape Case: आरोपियों की बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ कई तस्वीरें भी है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.

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भारत
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वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के भारतीय प्रद्योगिकी संस्थान (IIT) की छात्रा के साथ 1 नवंबर की देर रात गैंगरैप करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने भले ही जेल भेज दिया हो, लेकिन बीजेपी नेताओं और पुलिस के आला अधिकारियों की चुप्पी अब भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल ये है कि "पुलिस को आरोपियों की गिरफ्तारी में 60 दिन क्यों लगे?" एक आरोपी बीजेपी पार्षद का दामाद है तो दूसरा बीजेपी के विधायक और संगठन के बड़े नेता का करीबी.

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बीजेपी पार्षद का दामाद गैंगरेप का आरोपी, खुद कर रहा था चुनाव लड़ने की तैयारी

IIT-BHU की छात्रा के साथ गैंगरेप के आरोपी कुणाल पांडे का घर लंका थाना के सुंदरपुर स्थित ब्रिजएंक्लेव कॉलोनी में है. यह कॉलोनी वाराणसी के समृद्ध कॉलोनियों में एक है. कुणाल बीजेपी महानगर आईटी सेल का संयोजक रहा है. पिता जितेंद्र पांडे का निधन हो चुका है. बीकॉम की पढ़ाई पूरी करके कुणाल ठेकेदारी करता था. उसकी शादी वर्ष 2023 में वार्ड नंबर 28 से बीजेपी के पार्षद मदन मोहन तिवारी की बेटी से हुई थी.

मदन वाराणसी नगर निगम से पहली बार पार्षद हुए हैं. सूत्रों की माने तो ससुर की पार्टी में दखल और रुतबा देखकर कुणाल अगली बार पार्षद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था.

हिंदू युवा वाहिनी से निकला सक्षम पटेल बीजेपी विधायक का चहेता

गैंगरेप मामले में दूसरा आरोपी सक्षम 12वीं पास है. उसके पिता विजय पटेल एक कैटरिंग फर्म में काम करते हैं. वाराणसी के बजरडिहा इलाके में स्थित मकान को देखकर घर के हालात ठीक नहीं लगते. 21 वर्षीय सक्षम लगभग 6 साल पहले हिंदू युवा वाहिनी से जुड़ा था.

वहां जिला मीडिया प्रभारी का काम देखते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में था. किसी बात को लेकर उसे हिंदू युवा वाहिनी से अलग होना पड़ा. इसके बाद बीजेपी के एक विधायक ने उसे संरक्षण दिया और उसे आगे बढ़ाया. सक्षम बीजेपी के विधायक और संगठन के एक बड़े क्षेत्रीय नेता का करीबी रहा है. इन्हीं के माध्यम से वह बीजेपी के आईटी सेल से भी जुड़ा था.

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गैंगरेप के आरोपी आनंद पर पहले भी दर्ज हुआ था छेड़खानी का मामला

गैंगरेप का तीसरा आरोपी आनंद उर्फ अभिषेक चौहान सिर्फ दसवीं तक पढ़ा है. इसके पिता मुन्ना पावरलूम चलाते हैं. मोहल्ले में धाक जमाने की आदत की वजह से अभिषेक की कई बार पड़ोसियों से नोक-झोंक हो चुकी है. पड़ोस की किसी महिला ने उस पर पूर्व में छेड़खानी का मुकदमा भी दर्ज कराया था. आनंद भी बीजेपी आईटी सेल का काम करता था. कुणाल, सक्षम और अभिषेक लगभग हर जगह साथ ही रहते थे.

पीएम से लेकर सीएम तक के साथ फोटो की भरमार

आरोपी सक्षम पटेल बीजेपी के महानगर आईटी सेल में काम कर चुका है. यह बीजेपी के बड़े नेताओं के संरक्षण में रहा है. इसकी पुष्टि सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों से की जा सकती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश की जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से लेकर वाराणसी के दक्षिणी विधानसभा सीट से विधायक सौरव श्रीवास्तव तक सक्षम पटेल बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करता था.

आरोपी कुणाल पांडे भी राजनीतिक धौंस जमाने के लिए बड़े नेताओं के साथ फोटो पोस्ट करता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे, उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और धर्मगुरु बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के साथ की फोटो इनके सोशल मीडिया पोस्ट पर पड़ी है. तीसरा आरोपी आनंद चौहान भी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट करने से पीछे नहीं रहता था.

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योगी सरकार को दिलाई बुलडोजर की याद

आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में वाराणसी कांग्रेस की जिला और महानगर इकाई ने 2 जनवरी की दोपहर जनपद में प्रधानमंत्री के जनसंपर्क कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया.

केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए कई थानों की फोर्स पांच स्तरीय सुरक्षा के तहत लगाई गई थी. एक घेरा तोड़कर आगे बढ़े लेकिन पुलिस ने रोक दिया. उसके बाद पुलिस से तीखी नोंकझोंक हुई.

कांग्रेस नेताओं ने सरकार को बुलडोजर की याद दिलाते हुए कहा कि यह बीजेपी की चाल, चरित्र और चेहरा है. अभी तक धर्म विशेष के साथ ऐसी घटना होती तो आरोपियों के घर जमींदोज कर दिए गए रहते, मगर सरकार पूरी निर्लज्जता के साथ अखंड चुप्पी ओढ़े हुई है. कार्यकर्ताओं ने इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में डालते हुए आरोपियों को फांसी की सजा सुनिश्चित करने की मांग की. वहीं प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन पुलिस अधिकारियों को सौंप कर 2 घंटे बाद वापस हुए.

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