सीएम जी , मेरा बड़ा भाई भूख से मर गया है. प्लीज मुझे बचा लीजिये. कंकाल की तरह दिखने वाले एक युवक का यह वीडियो देख कर दिल दहल जाता है. यह वीडियो 26 साल के युवक फेकू का था, जो इसके बाद भूख से कोमा में चला गया और 14 सितंबर को साढ़े पांच बजे सरकारी अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
सितंबर में दो युवक भुखमरी के शिकार
यूपी में कुशीनगर जिले के दो भाइयों फेकू और पप्पू की 13 और 14 सितंबर को सोलह घंटे के अंदर मौत हो गई. दोनों को पिछले कुछ महीनों से भरपूर खाना नहीं मिल रहा था और बेहद बीमार थे. उनकी 50 साल की विधवा मां सोमवा ने इंडिया स्पेंड को यह जानकारी दी. वह उस शामियाने के नीचे ख़ड़ी थी जहां दोनों भाइयों के श्राद्धकर्म के तौर पर भोज हो रहा था. कुछ स्थानीय राजनीतिक नेताओं और गांव के प्रधान ने मिल कर उनके बेटों की मौत के बाद भोज का इंतजाम किया था.
सोमवा ने बताया कि उसके दोनों बेटों को बुखार था और उनका शरीर हमेशा ठंड से कांपता रहता था. परिवार ने पिछले कुछ दिनों से कुछ भी नहीं खाया था. सोमवा और उसका परिवार मूसहर जाति का है, जो अनुसूचित जाति है. माना जाता है कि मूसहर इतने गरीब होते हैं कि चूहे पकड़ कर खा जाते हैं.
सरकारी रिकार्ड में भुखमरी से हुई मौतों को छिपाने की कोशिश
सरकारी रिकार्ड में इन दोनों युवकों की मौत की कई वजहें बताई गई हैं. पहली वजह के तहत युवकों की मौत डेंगू से हुई. चीफ मेडिकल ऑफिसर का कहना था कि उनकी मौत टीबी से हुई. उनके डेथ सर्टिफिकेट में कहा गया है कि दिल के फेल होने से उनकी मौत हो गई. सोमवा ने कहा कि उसे पता नहीं उन बच्चों को क्या बीमारी थी. लेकिन अस्पताल में हमारी कोई भी नहीं सुन रहा था.
बेरोजगारी, सब्सिडी का राशन न मिलना भुखमरी की वजह
फेकू और पप्पू की मौत यूपी के कुशीनगर में 4 अप्रैल 2017 हुई पांच मौतों में शामिल है, जिन्हें भूख से हुई मौत कहा जा रहा है. इन मौतों की वजह भूख हो सकती है. अगर नहीं तो कम से यह बड़ी वजह तो होगी. इंडिया स्पेंड ने कुशीनगर का दौरा करने के बाद बाद रोजगार की कमी और पीडीएस के तहत सब्सिडी के राशन के तहत भोजन न मिलने से लोगों बड़ी संख्या में बीमारी, भूख और मौत के शिकार हो रहे हैं. इस बीच, सरकारी हेल्थकेयर न सिर्फ इन मौतों को रोकने में नाकाम दिख रही बल्कि उल्टे यह मशीनरी भुखमरी से हुई मौतों को ढकने की कोशिश कर रही है.
इनपुट : इंडिया स्पेंड
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