वित्तमंत्री अरुण जेटली का बजट में साफ संदेश है, जो बोला है उसको समझिए, लेकिन जो नहीं बोला है उसको ज्यादा अच्छे से समझिए. उन्होंने टैक्स दायरे में कोई बदलाव नहीं किए, लेकिन टैक्स बचाने के तरीकों में कुछ बदलाव किये हैं. इसलिए ये जान लीजिये कि कमाई बढ़ाना जरूरी है, लेकिन अच्छी टैक्स प्लानिंग से टैक्स बचाना भी कमाई ही है.
2+2 हमेशा 4 नहीं होता
वित्तमंत्री बजट भाषण के दौरान जो बोलते हैं, कई बार उससे भी ज्यादा पेंच छिपे रह जाते हैं. असली वही होता है कि कैसे इन छिपे हुए पॉइंट को डीकोड किया जाए. इस साल और अगले वित्तीय साल में आपको कैसे स्मार्ट तरीके से प्लानिंग करके बड़ी रकम अपने लिए बचा लेनी है.
आपका इनकम टैक्स: 5 बड़ी बातें
- सालाना 2.5 लाख रुपए की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक कमाई पर अब सिर्फ 5% टैक्स लगेगा. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपए सैलरी पाने वालों को 12,500 की सालाना बचत होगी.
- दूसरा बड़ा बदलाव है कि सालाना 50 लाख से एक करोड़ की कमाई पर अब 30 परसेंट टैक्स के अलावा बने हुए टैक्स पर 10 परसेंट सरचार्ज भी देना होगा. यानी सबसे ज्यादा मार उन्हीं लोगों पर पड़ी है जिनकी सैलरी 50 लाख और एक करोड़ रुपए सालाना के बीच होगी. उन्हें करीब 1.5 लाख रुपए ज्यादा टैक्स देना होगा.
- 1 करोड़ से ऊपर वालों पर 30 परसेंट टैक्स और उस पर 15 परसेंट सरचार्ज लगेगा
- NHAI और REC बॉन्ड के अलावा दूसरे नोटिफाइड बॉन्ड्स में निवेश में टैक्स छूट उपलब्ध होगी.
- राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम के तहत मिलने वाली टैक्स छूट 2017-18 से वापस ली जा रही है. लेकिन 1 अप्रैल 2017 के पहले जो व्यक्ति इस छूट का लाभ लेगा उसे 2 साल और छूट मिलेगी
NPS में निवेश में फायदा बढ़ा
- NPS यानी नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश फायदेमंद हो जाएगा. 80CCD में बदलाव के बाद अब सेल्फ एम्प्लॉयड लोग NPS में निवेश कुल कमाई का 10% के बजाए अब 20% निवेश कर पाएंगे
- सैलरी वाले लोगों के लिए ग्रॉस सैलरी के 10% की लिमिट रहेगी, लेकिन इसमें 10% योगदान एम्प्लॉयर कर सकता है.
- NPS में रकम निकालने पर टैक्स लगेगा. NPS का 40 परसेंट निकालने पर टैक्स छूट रहेगी लेकिन एक अप्रैल से यह घटकर 25% रह जाएगी. लेकिन सेल्फ एम्प्लॉयड को NPS जमा रकम निकालने पर छूट नहीं मिलेगी.
80C के अलावा निवेश के अन्य तरीके
- होमलोन पर ब्याज में टैक्स छूट U/S 24(b)
- इसके तहत होम लोन पर दिए जाने वाला ब्याज टैक्स छूट के दायरे में आता है. अगर होम लोन से खरीदे गए पर आप खुद रहते हैं तो इसमें
- 2 लाख रुपए तक टैक्स छूट है. लेकिन घर में आप नहीं रहते तो ब्याज की पूरी रकम पर टैक्स छूट मिलेगी.
- मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम U/S 80D-
- इसके तहत मेडिकल इंश्योरेंस के लिए दिए गए प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है. सालाना 25 हजार रुपए तक दिया जाने वाला प्रीमियम टैक्स फ्री होता है.
- सीनियर सिटीजन के लिए ये छूट 30 हजार रुपए है. अगर आप अपने माता-पिता के लिए प्रीमियम दे रहे हैं तो 25 हजार रुपए तक प्रीमियम पर अतिरिक्त टैक्स छूट उपलब्ध है और अगर आपके माता पिता वरिष्ठ नागरिक हैं तो छूट 30 हजार रुपए है. एजुकेशन लोन ब्याज
- इस पर किसी तरह की कोई लिमिट नहीं है
- सेविंग खातों पर ब्याज
- सालाना 10,000 रुपए तक टैक्स छूट
वित्तमंत्री ने वैसे तो टैक्स की दरों और बचत के तरीकों पर बड़े बदलाव नहीं किए हैं. पर उन्होंने कुछ टैक्स गुगली भी डाली हैं, आपको जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है.
इनकम टैक्स बदलाव की 5 गुगली
दूसरा मकान लेने के पहले सोचें, इसमें टैक्स नहीं बचा पाएंगे. किराए पर दिए हाउस लोन के ब्याज पर अब सालाना 2 लाख रुपए तक ही छूट मिलेगी, भले पहला घर हो या फिर दूसरा. रियल एस्टेट में निवेश करने वाले बड़े निवेशकों के लिए ये झटका है.
प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स
प्रॉपर्टी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स का वक्त घटाया गया, यानी प्रॉपर्टी खरीदने के 2 साल के बाद इसे बेचने पर इंडेक्सेशन के बाद सिर्फ 20 परसेंट के हिसाब से टैक्स लगेगा. पहले यह समयसीमा 3 साल थी. इंडेक्सेशन मतलब प्रॉपर्टी होल्डिंग के दौरान इन्फ्लेशन एडजस्ट करने के बाद टैक्स लगेगा. ये प्रॉपर्टी बेचने वाले के लिए फायदेमंद होगा
जो लोग अपनी पैतृक प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं उनके लिए इन्फ्लेशन एडजस्ट करने के लिए बेस ईयर 1981 के बजाए 2001 होगा. इसका फायदा उन लोगों को ज्यादा होगा जिनकी प्रॉपर्टी 2001 से पहले खरीदी गई क्योंकि इससे बेस ईयर में बदलाव से उस प्रॉपर्टी का बेस प्राइस बढ़ जाएगा और कैपिटल गेंस टैक्स कम हो जाएगा.
टैक्स राहत सबके लिए नहीं
वित्तमंत्री ने कहा 5 लाख रुपए तक सालाना आय वालों को सिर्फ 5 परसेंट टैक्स देना होगा. लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि इसका फायदा सैलरीड क्लास को मिलेगा, स्वयं का रोजगार, ठेकेदार और डॉक्टर्स जैसे प्रोफेशनल लोगों को नहीं मिलेगा.
रेंट पर टीडीएस
टीडीएस का दायरा बढ़ाने के लिए बजट में प्रस्ताव किया गया है कि सालाना 50,000 रुपए से ज्यादा के रेंट भुगतान पर 5% टैक्स सोर्स पर ही काटना होगा. जाहिर है सामान्य आदमी साल में एक ही बार टैक्स काटेगा इसलिए मकान मालिक को अपनी इनकम में इस टीडीएस का फायदा मिलेगा.
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