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₹100 लाख करोड़ की गति शक्ति योजना का ऐलान- लाल किले से PM के भाषण की बड़ी बातें

आरक्षण, सरकारी योजनाओं, कोरोना जैसे मुद्दों पर PM Modi ने रखी बात

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आजादी के 74 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने लाल किले (Red Fort) से देश को संबोधित किया. इस मौके पर पीएम ने किसान, सहकारवाद, कोरोना, स्वास्थ्य क्षेत्र, सरकारी योजनाओं, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी.

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प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें:

  • "14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में याद किया जाएगा. जो लोग विभाजन के समय अमानवीय आग से गुजरे, उन लोगों का हमारी स्मृतियों में जीवित रहना उतना ही जरूरी है. ऐसे लोगों को हर भारतवासी की तरफ से आदराजंलि है."

  • "कोरोना का दौर बहुत बड़ी चुनौती है. भारतवासियों ने बहुत संयम से इस लड़ाई को लड़ा. अगर आज हमारे पास खुद की वैक्सीन ना होती, तो क्या होता. लेकिन आज हम गौरव से कह सकते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सिनेशन प्रोग्राम हमारे देश में चलाया जा रहा है. 54 करोड़ से ज्यादा लोग वैक्सीन डोज लगवा चुके हैं."

  • "लाल किले की प्राचीर से आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत अहम है. बीते 7 वर्षों में शुरू हुई अनेक योजनाओं का लाभ करोड़ो गरीबों तक पहुंचा. हम आगे बढ़े, लेकिन अब हमें पूर्णता तक जाना है. शत प्रतिशत तक पहुंचना है. सभी लोगों को उज्जवला योजना, गैस योजना, पेंशन योजना, आवास योजना से हमें हर हकदार को जोड़ना है."

  • "गरीब बच्चों में कुपोषण उनके विकास में बाधा बनती है. इसे देखते हुए यह तय किया गया कि सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसकी जगह अब पोषण युक्त चावल दिए जाएंगे. 2024 तक हर योजना से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा."

  • "अब अच्छे अस्पतालों को बनाए जाने पर काम किया जा रहा है. हजारों अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट भी होंगे."

  • "दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है. जो पिछले हैं, उनका हाथ पकड़ना ही होगा. हाल में चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण व्यवस्था की गई है."

  • "बहुत जल्द पूर्वोत्तर भारत के सभी राज्यों की राजधानी को बहुत जल्द रेल से जोड़ा जाएगा. एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत यह हिस्सा, दक्षिण-पूर्वी एशिया से भी कनेक्ट हो रहा है. विकास का संतुलन अब जमीन दिख रहा है."

  • "जम्मू-कश्मीर में डिलिमिटेशन कमेटी का गठन हो चुका है. भविष्य में चुनाव की तैयारी चल रही है. लद्दाख में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो रहा है."

  • "अर्थव्यवस्था में पूंजीवाद, समाजवाद की बहुत चर्चा होती है. लेकिन भारत सहकारवाद को लेकर चलता है. कोऑपरेटिव्स का सशक्तिकरण हो, इसके लिए हमने अलग विभाग बनाया है. सरकार में इसे जितना ज्यादा बल दिया जा सके, हमने उसके लिए कदम उठाए हैं."

  • "आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं. बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को पहुंचाने रहे हैं. अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, डेटा की ताकत पहुंच रही है, इंटरनेट पहुंच रहा है. गांव में भी डिजिटल Entrepreneur तैयार हो रहे हैं. गांव में जो हमारी सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें हैं, वो एक से बढ़कर एक प्रॉडक्ट्स बनाती हैं. इनके प्रॉडक्ट्स को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार करेगी. छोटा किसान बने, देश की शान, यह हमारा संकल्प है."

  • 75 वंदे भारत ट्रेनें, देश के हर कोने को जोड़ेंगी. उड़ान योजना देश के दूरदराज इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ रही है. यह अभूतपूर्व है. गति की शक्ति भारत का आधार बनेगी.

  • भारत आज अपनी सबमरीन, अपने लड़ाकू विमान बना रहा है, यह स्वदेशी मैन्यूफैक्चरिंग में हमारे सामर्थ्य को उजागर करता है.

  • देश के सभी मैन्यूफैक्चर्स को भी ये समझना होगा- आप जो Product बाहर भेजते हैं वो आपकी कंपनी में बनाया हुआ सिर्फ एक Product नहीं होता. उसके साथ भारत की पहचान जुड़ी होती है, प्रतिष्ठा जुड़ी होती है, भारत के कोटि-कोटि लोगों का विश्वास जुड़ा होता है. हमने देखा है, कोरोना काल में ही हजारों नए स्टार्ट-अप्स बने हैं, सफलता से काम कर रहे हैं. कल के स्टार्ट-अप्स, आज के Unicorn बन रहे हैं। इनकी मार्केट वैल्यू हजारों करोड़ रुपए तक पहुंच रही है- पीएम मोदी

  • भारत आज जो भी कार्य कर रहा है, उसमें सबसे बड़ा लक्ष्य है, जो भारत को क्वांटम जंप देने वाला है- वो है ग्रीन हाइड्रोजन का क्षेत्र. मैं आज तिरंगे की साक्षी में National Hydrogen Mission की घोषणा कर रहा हूं.

  • आज मैं एक खुशी देशवासियों से साझा कर रहा हूं. मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं. दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया गया था. अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा.

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