भारत और चीन के बीच पिछले कुछ दिनों में बढ़े तनाव को कम करने के लिए शनिवार को सैन्य अधिकारियों की मीटिंग हुई. विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देश सीमा पर द्विपक्षीय समझौतों के जरिए शांतिपूर्ण ढंग से विवाद का हल निकालने पर सहमत हैं. यह मीटिंग चुशुल-मोल्डो इलाके में चीन की क्षेत्र में हुई.
दोनों पक्ष स्थिति को ठीक करने और बॉर्डर के इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सैन्य और कूटनीतिक कार्रवाई जारी रखेंगे. दोनों देशों के आपसी संबंधों का यह 70वां साल है. दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि जल्द ही एक प्रस्ताव लाया जाएगा, जिससे दोनों देशों के संबंधों में विकास हो सके.भारत-चीन के सैन्य अधिकारियों के बैठक के बाद विदेश मंत्रालय
इस मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, वहीं चीन की तरफ से साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर, मेजर जनरल लिउ लिन ने हिस्सा लिया था.
इससे पहले टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से इस मीटिंग के बारे में बताया गया था कि मीटिंग के बाद पेंगोंग त्सो झील, गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके और गालवान घाटी में सैनिकों की संख्या को कम किया जा सकता है. यह तीनों प्वाइंट LAC के पास स्थित हैं, जहां पर चीनी सैनिकों ने भारत की सीमा में अतिक्रमण किया है.
शुक्रवार को हुई थी संयुक्त सचिव स्तर की बातचीत
इससे पहले शुक्रवार को दोनों देशों के बीच संयुक्त सचिव स्तर की डिप्लोमेटिक बातचीत हुई थी. बता दें संयुक्त सचिव स्तर के पहले करीब एक दर्जन मेजर-जनरल अफसरों के स्तर की बातचीत स्थिति को सामान्य करने में नाकामयाब रही हैं.
अप्रैल के महीने के बीच में चीनी सैनिकों ने बड़ी संख्या में लद्दाख के इलाकों में घुसपैठ शुरू की थी. इसके बाद भारत ने भी इलाके में बड़ी संख्या में तैनाती कर दी. इस बीच मई के महीने से ही दोनों देशों के सैनिक कई बार आमने-सामने आ चुके हैं और दोनों तरफ से मारपीट भी की गई.
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