China-Taiwan Tension: ताइवान पर चल रही उथल-पुथल के बीच पहली बार भारत ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है. भारत ने सभी पक्षों से "धैर्य रखने" की अपील करते हुए किसी भी पक्ष से "मौजूदा स्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई" से बचने को कहा है.
बता दें करीब 10 दिन पहले अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) की ताइपे यात्रा से चीन काफी नाराज हुआ था और उसने ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास करने शुरू कर दिए थे. तबसे अब तक भारत ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी, जबकि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने चीन की जमकर निंदा की थी.
वन चाइना पॉलिसी पर भारत के स्टैंड में नहीं है कोई बदलाव
भारत ने सीधे तौर पर "वन चाइना पॉलिसी" का जिक्र ना करते हुए कहा कि हमारी "संबंधित नीतियां" सतत् और अच्छी तरह जानी-पहचानी हैं, उन्हें दोहराना जरूरी नहीं है. बता दें चीन के साथ संबंध रखने वाले सभी देश सैद्धांतिक तौर पर वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करते हैं, इसके मुताबिक चीन के पारंपरिक इलाकों में एक ही चीनी राष्ट्र होगा, जिसकी वैधानिक सरकार कम्युनिस्ट सरकार है.
भारत भी इसी नीति का यहां जिक्र कर रहा था. इसलिए भारत के ताइवान के साथ आधिकारिक संबंध नहीं हैं, हालांकि दोनों देशों के बीच अच्छा संपर्क है और आपसी व्यापार भी करीब 7 बिलियन डॉलर का है.
मौजूदा स्थिति को बदलने की एकतरफा कार्रवाई से यहां भारत का उद्देश्य चीन से ताकत का इस्तेमाल कर ताइवान की स्थिति में बदलाव लाने की कोशिश ना करने के लिए कहना है.
यह बातें विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहीं. वे भारत की नाटो के साथ बातचीत पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. बता दें रिपोर्टों के मुताबिक भारत ने ब्रूसेल्स में नाटो के साथ पहली बातचीत 12 दिसंबर, 2019 को की थी.
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