अपने सफर को और ज्यादा तेज और आरामदेह बनाने को आतुर देशवासियों के लिए खुशखबरी है. देश की एविएशन कंपनियां आने वाले कुछ बरसों में 900 से ज्यादा विमानों को अपने बेड़े में शामिल कर सकती है. इस क्षेत्र में तेजी को देखते हुए कंपनियों ने विस्तार के लिए अभी से कमर कस ली है.
इंडिगो के सबसे ज्यादा 448 विमान अपने बेड़े में शामिल करने की उम्मीद है. आधिकारिक आंकड़ों से ये जानकारी मिली है.
भारत दुनिया के तेजी से उभरते हुए एविएशन मार्केट में से एक है. कंपनियों का फोकस अब क्षेत्रीय मार्ग पर विमान चलाने में है. अगर सब कुछ इसी रफ्तार से चलता रहा, तो देश के कई ऐसे भाग एयर सर्विस से जुड़ जाएंगे, जो अभी तक इससे अछूते हैं.
कई कंपनियों ने तैयार किया प्लान
मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, किफायती एयर सर्विस मुहैया करने वाली कंपनियां- इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर और एयर एशिया अपने जहाजी बेड़े को बढ़ाने के लिए तैयार है. अन्य कंपनियों के साथ घरेलू कंपनियों में शामिल किए जाने वालों विमानों की संख्या 900 से ज्यादा होगी.
इंडिगो की अगले 7 से 8 साल में अपने बेड़े में 448 विमान शामिल करने की योजना है, जिसमें 399 ए-320एस और 49 एटीआर विमान शामिल हैं. अभी उसके पास 150 विमान हैं.
वहीं, स्पाइसजेट भी अपने बेड़े को बढ़ाने की प्रक्रिया में है. वह 20018-23 के दौरान 101 बी737-800एस और 50 बॉम्बार्डियर क्यू400एस विमान अपने बेड़े में जोड़ेगी. इसी तरह, गो-एयर 2018 से 2022 के बीच 119 ए320 विमानों को शामिल करेगा.
लोकसभा में पेश किया गया आंकड़ा
आंकड़ों के मुताबिक, एयर एशिया अगले 5 साल में 60 विमान अपने बेड़े में शामिल करेगा. ये वो आंकड़ा हैं, जिसे लोकसभा में दिए गए लिखित जबाव के हिस्से के रूप में पेश किया गया था.
जेट एयरवेज 2018-24 के दौरान 81 बी737-8 मैक्स विमान शामिल करेगा. इसके साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में पांच बी737-800एस विमान को भी शामिल करेगा. सरकारी कंपनी एयर इंडिया के तीन बी777-300ईआर और 16 ए320 विमान शामिल करने की योजना है.
(इनपुट भाषा से)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)