2017 में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर उल्लघंन और गोलीबारी होती रही. पिछले साल भारतीय सेना ने सीमा पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' और जवाबी फायरिंग में पाकिस्तानी सेना के 138 जवानों को मार गिराया.
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, सरकार से जुड़े खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है.
तमाम सख्ती के बाद भी सीमा पार से होने वाली गोलीबारी और आतंकी हमलों की घटनाओं में पिछले साल किसी भी तरह की कमी नहीं आई है, बल्कि 2017 में इसके साल से तीन गुना ज्यादा सीजफायर का उल्लंघन हुआ. सालभर सीमा पर पड़ोसी देश की सेना सीजफायर का उल्लंघन करती रही, जिसका भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में बराबरी का जवाब दिया.
जम्मू-कश्मीर में 218 आतंकी ढेर
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने 2017 में कुल 218 आतंकियों को मार गिराया, जबकि 75 दूसरे युवाओं को हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी किया गया. बीते साल राज्य में सुरक्षाबलों की तरफ से शुरू किए गए ऑपरेशन ऑलआउट से आतंकियों को निशाना बनाने में काफी मदद मिली.
राज्य के डीजीपी वैद के मुताबिक, ये अभियान केवल आतंकियों को मार गिराने के लिए ही नहीं बल्कि उन्हें हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भी शुरू किया गया था. राज्य पुलिस ने सार्वजनिक सुक्षा अधिनियम के तहत 34 लोगों के खिलाफ नशीले पदार्थों के दुरुपयोग का मामला दर्ज कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की.
तीन गुना ज्यादा सीजफायर उल्लंघन
2016 की तुलना में 2017 में तीन गुना ज्यादा संघर्ष विराम का उल्लंघन हुआ. 2016 में जहां 228 बार पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी कारण के गोलीबारी की, तो साल 2017 में उसके हौसले और ज्यादा बढ़ गए और 771 बार सीजफायर का उल्लंघन किया.
हालांकि देश की पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर लगातार हो रहे आतंकी हमलों के बीच भारत ने इलाके में 2017 में विशेष पहल की.
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