कॉफी कैफे के लापता फाउंडर वीजी सिद्धार्थ की चिट्ठी में इनकम टैक्स अफसरों की ओर से उत्पीड़न की बात सामने आने के बाद कॉरपोरेट वर्ल्ड के दिग्गजों ने इस मामले पर अफसोस जताया है. साथ ही सरकार से मामले की जांच करने और भारतीय कंपनियों की फाइनेंशियल दिक्कतों का जायजा लेने के लिए कहा है.
‘सिद्धार्थ का मामला कॉरपोरेट वर्ल्ड के लिए बड़ा सदमा’
बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण शॉ मजूमदार ने इस मामले पर द क्विंट से कहा एक साथ मिल कर किसी एंटरप्रेन्योर पर हावी होकर उसे अपना बिजनेस बंद करने के लिए नहीं कहा जा सकता. वीजी सिद्धार्थ का मामला इंडियन कॉरपोरेट वर्ल्ड के लिए किसी बड़े सदमे की तरह है. सिद्धार्थ का यह कदम यह साबित करता है कि वह किस हद तक तनाव में थे.
मजूमदार ने यह भी कहा कि यह घटना यह बताती है कि भारतीय कंपनियों को चलाने वालों के साथ किस तरह का व्यवहार हो रहा है. ऐसी कई वजहें होंगी जिन्होंने सिद्धार्थ का तनाव बढ़ाया होगा. उन्होंने कहा कि सरकार के भारतीय कंपनियों का फाइनेंशियल हेल्थ चेक अप करना चाहिए.
सरकार कंपनियों को वित्तीय तनावों से निकालने के बजाय उनकी दिक्कतों में और इजाफा कर रही है. आज बैंक सिर्फ उन्हें कर्ज देना ही बंद नहीं कर रहे हैं बल्कि उन पर पूरी तरह हमलावर हो रहे हैं. कंपनियों की पूरी फाइनेंसिंग सपोर्ट ही खत्म की जा रही है. और इससे इस तरह का सदमे सामने आ रहे हैं.
टैक्स टेरर की जांच हो : मोहनदास पई
मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के चेयरमैन टीवी मोहनदास पई ने पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से इस मामले में जांच की मांग की है. सिद्धार्थ ने साफ तौर पर कहा है कि टैक्स टेरर की वजह से उन्हें इस हालात तक पहुंचाया. हम जानना चाहते हैं कि वे वे पीई इनवेस्टर हैं जो उन पर दबाव डाल रहे हैं. हम ऐसा असभ्य देश नहीं हो सकते जहां टैक्स फिरौती नियम बन जाए.
द प्रिंट के फाउंडर शेखर गुप्ता ने इस मामले में कहा कि कई वित्तीय मामलों का आपराधिकरण कर दिया गया है. जो अच्छा संकेत नहीं है. टैक्स अथॉरिटीज काफी कठोर तरीके से काम कर रही हैं. कई बार लोगों की साख को भी धक्का लगता है. कारोबारियों के सामने जो मुसीबतें आ रही हैं, वे उनका सामना नहीं करना चाहते.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)