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Har Ghar Tiranga फहराएं, लेकिन गलती से न कर दें अपमान-राष्ट्र ध्वज से जुड़े नियम

Azadi Ka Amrit Mahotsav: तिरंगा जमीन से नहीं छूना चाहिए और कोई दूसरा झंडा तिरंगे से ऊंचा नहीं होना चाहिए

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भारत
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हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) अभियान आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) पर देशवासियों को अपनी स्वतंत्रता पर गर्व महसूस करने का एक और मौका देगा. 13 अगस्त से लेकर 15 अगस्त (Independence day) तक देशभर में लोग अपने घरों और दफ्तरों पर तिरंगा फहराकर आजादी की 75वीं सालगिरह मनाएंगे. अगर आप भी अपने घर में तिरंगा फहरा रहे हैं तो तिरंगा फहराने से जुड़े नियम आपको जरूर जानने चाहिए.

पहले आम आदमी को अपने घर या दफ्तर पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं थी लेकिन 2002 में सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता में बदलाव करते हुए आम लोगों को तिरंगा फहराने की अनुमति दे दी. लेकिन तब केवल दिन में ही झंडा फहराने की इजाजत दी गई थी. लेकिन 20 जुलाई 2022 को केंद्र सरकार ने भारतीय झंडा संहिता के पैरा 2.2 के खंड 11 में बदलाव करते हुए जनता को दिन-रात झंडा फहराने की अनुमति दी है.
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इसके अलावा अब पॉलिस्टर यामशीन से बने झंडे भी फहराए जा सकते हैं, जिसकी इजाजत पहले नहीं थी. पहले केवल हाथ से बुने और ऊन, कपास या खादी से बने तिरंगे को ही फहराया जा सकता था.

तिरंगा फहराने के नियम क्या हैं?

तिरंगा फहराते समय आपको कुछ नियमों का भी पालन करना होगा ताकि देश के झंडे में कभी कोई कमी ना आये. जैसे-

  • तिरंगा जमीन से नहीं छूना चाहिए

  • कोई दूसरा झंडा तिरंगे से ऊंचा नहीं होना चाहिए

  • तिरंगे का इस्तेमाल किसी तरह की सजावट के लिए नहीं किया जा सकता

  • किसी सामान या इमारत को ढकने के लिए कपड़े की तरह तिरंगे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता

  • झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए, जिसकी लंबाई-चौड़ाई 3:2 होनी चाहिए

  • केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहना चाहिए, सफेद बीच में और हरा सबसे नीचे

  • झंडे के बीच में अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए

  • तिरंगे को पानी में नहीं डुबोया जा सकता

  • फटा हुआ, गंदा या जला हुआ तिरंगा नहीं फहरा सकते

  • किसी को सलामी देने के लिए झंडा झुकाया नहीं जा सकता

  • तिरंगे में आप किसी तरह की तस्वीर या पेंटिंग नहीं लगा सकते

Azadi Ka Amrit Mahotsav: तिरंगा जमीन से नहीं छूना चाहिए और कोई दूसरा झंडा तिरंगे से ऊंचा नहीं होना चाहिए
Azadi Ka Amrit Mahotsav: तिरंगा जमीन से नहीं छूना चाहिए और कोई दूसरा झंडा तिरंगे से ऊंचा नहीं होना चाहिए
Azadi Ka Amrit Mahotsav: तिरंगा जमीन से नहीं छूना चाहिए और कोई दूसरा झंडा तिरंगे से ऊंचा नहीं होना चाहिए

अगर आप कागज के तिरंगे का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे खुले में ना फेंके बल्कि अकेले में पूरी इज्जत के साथ उसका निस्तारण करें. अगर तिरंगा फहराते वक्त कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे 3 साल की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है.

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क्या है फ्लैग कोड?

भारत में तिरंगा फहराने से जुड़े सारे नियम-कायदे भारतीय ध्वज संहिता (फ्लैग कोड) 2002 के तहत आते हैं, जो 26 जनवरी 2002 से लागू है. इससे पहले तिरंगा फहराने के नियम एम्बलेम्स एंड नेम्स एक्ट, 1950 और प्रिवेन्शन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 के तहत आते थे. फ्लैग कोड को तीन भागों में बांटा गया है. पहले भाग में तिरंगे से जुड़ी सामान्य जानकारियां हैं. पहले भाग में है कि तिरंगे का आकार कैसा होना चाहिए और इसको कैसे बनाया जाना चाहिए. दूसरे भाग में आम लोग, निजी संगठन और दूसरे संस्थानों के तिरंगा फहराने से जुड़े नियम हैं. जबकि तीसरे भाग में केंद्र, राज्य सरकार और उनसे जुड़े संगठन-एजेंसियों के तिरंगा फहराने से जुड़े नियम-कानून हैं.

हर घर तिंरगा मुहिम

भारत सरकार ने 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा मुहिम शुरू की है. देश आजादी की 75वीं सालगिरह पर अमृत महोत्सव मना रहा है. इस मौके पर देशवासियों से सरकार अपील कर रही है कि वो अपने घर-ऑफिस पर तिरंगा फहराकर रखें. सरकार का प्लान 20 करोड़ घरों पर तिरंगा फहराने का है.

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