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तालिबान के साथ भारत की मुलाकात पर बोले MEA प्रवक्ता- 'इस पर कोई अपडेट नहीं'

भारतीय राजदूत ने दोहा में की थी तालिबान नेता से मुलाकात, विपक्ष ने मांगा था जवाब

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अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद भारत ने अन्य देशों की तरह अपने नागरिकों को वहां से निकालने का ऑपरेशन शुरू किया. लेकिन इसके बाद तालिबान के साथ भारतीय राजदूत ने दोहा में पहली बैठक की. जिसे लेकर विपक्ष ने जमकर सवाल उठाए. लेकिन अब इस विवाद के बीच विदेश मंत्रालय की तरफ से अफगानिस्तान को लेकर एक बयान सामने आया है. जिसमें बातचीत को लेकर सीधे जवाब तो नहीं दिया गया, लेकिन बताया गया है कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि अफगानिस्तान में कैसी सरकार बनने जा रही है, ये स्पष्ट नहीं है.

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अफगानिस्तान में सरकार को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं- MEA

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान जब ये सवाल किया गया कि, भारत और तालिबान के बीच दोहा में हुई बैठक के दौरान किस बात को लेकर चर्चा हुई? इस पर विदेश मंत्रालय प्रवक्ता की तरफ से बताया कि, इसे लेकर मेरे पास कोई अपडेट नहीं है.

इसके अलावा उन्होंने कहा, अब तक हमें ये नहीं पता है कि तालिबान के नेतृत्व में अफगानिस्तान में कैसी सरकार बनने जा रही है. इसीलिए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. तालिबान से आगे बातचीत को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि, सवाल हां या ना का नहीं है. हमारा मकसद है कि अफगानिस्तान की जमीन को किसी भी तरह के आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.

अफगानिस्तान में मौजूद भारतीयों की वापसी को लेकर बागची ने कहा कि, अभी काबुल में सब कुछ ठीक नहीं हुआ है. आगे जब भी सरकार बनने के बाद हालात सामान्य होंगे तो हम भारतीयों को निकालने के लिए प्रयास फिर से शुरू करेंगे.

विपक्षी दलों ने पूछा- क्या तालिबान को आतंकी संगठन मानती है सरकार?

बता दें कि तालिबान के साथ भारत की मुलाकात के बाद से ही विपक्षी नेता लगातार सरकार से सवाल कर रहे हैं. सरकार से पूछा जा रहा है कि वो तालिबान को लेकर अपना स्टैंड बताए कि क्या सरकार इसे एक आतंकी संगठन मानती है? या फिर कुछ और है. असदुद्दीन ओवैसी, उमर अब्दुल्ला और तमाम कांग्रेस नेताओं ने इसे लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की है.

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