रेल मंत्रालय ने कहा है कि वो अपनी ट्रेनों में 20,000 डिब्बों को आइसोलेशन और क्वारंटीन वार्ड में बदलने के लिए तैयार है. मंत्रालय ने बताया कि इनकी मदद से 3 लाख से ज्यादा बेड उपलब्ध कराए जा सकते हैं. रेलवे ने हाल ही में अपने नॉन-एसी कोच को आइसोलेशन वॉर्ड में बदलने का एक प्रोटोटाइप (प्रारूप) पेश किया था.
20,000 कोच में 3.2 लाख बेड
देश में बढ़ते COVID-19 मामलों को देखते हुए लगातार अलग-अलग जगहों का इस्तेमाल क्वारंटीन और आइसोलेशन के लिए करने की बात सामने आई हैं. भारतीय सेना के सेंटर से लेकर खेल प्राधिकरण के सेंटरों का इसके लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
रेलवे मंत्रालयन ने मंगलवार 31 मार्च को एक बयान में बताया कि 5,000 डिब्बों को इस तरह से बदलने का काम पहले ही शुरू हो चुका है.
‘‘ये मोडिफाई किए हुए 20,000 डिब्बे आइसोलेशन जरूरतों के लिए 3.2 लाख संभावित बिस्तरों को पूरा कर सकते हैं. 5,000 डिब्बों को मोडिफाई करने का काम शुरू हो चुका है जिन्हें प्रारंभिक रूप से आइसोलेशन कोच के तौर पर परिवर्तित किया जाना है.’’रेल मंत्रालय
रेलवे ने बयान में कहा, ‘‘इन 5,000 डिब्बों में 80,000 बिस्तरों की क्षमता होगी. एक डिब्बे में आइसोलेशन के लिए 16 बेड होने की उम्मीद है.’’
सिर्फ नॉन-एसी कोच को बदला जाएगा
रेलवे ने साथ ही साफ किया है कि केवल नॉन-एसी आईसीएफ स्लीपर डिब्बे को ही आइसोलेशन कोच में परिवर्तित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने की योजना बनाई जा रही है.
रेलवे ने साथ ही 16 जोन के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं. तेलंगाना के सिकंदराबाद में मुख्यालय वाला दक्षिण मध्य रेलवे 486 कोच की जिम्मेदारी संभालेगा, जिन्हें मोडिफिकेशन के लिए आवंटित किया जा रहा है. इसके बाद मुंबई मुख्यालय वाले मध्य रेलवे को 482 कोच आवंटित किए गए हैं.
इससे पहले केंद्र सरकार ने वेंटिलेटर्स की कमी को पूरा करने के लिए देश की बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों को निर्माण के लिए कहा था. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इसके प्रोटोटाइप पर काम भी शुरू कर दिया है, जबकि टाटा और मारुति सुजुकी भी इस दिशा में काम कर रहे हैं.
क्या है देश में बेड का हाल?
भारत के अस्पतालों में बेड की बात करें तो अधिकतर राज्यों में प्रति 1000 लोगों पर 1 से भी कम बेड मौजूद हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सवा अरब की आबादी वाले इस देश में कुल बेड केवल 7 लाख हैं. नेशनल हेल्थ प्रोफाइल, 2019 के मुताबिक, देश के सभी अस्पतालों में मिलाकर 7,13,986 बेड हैं. इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को भी अस्पतालों की संख्या में शामिल किया गया है.
सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बेडों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन आबादी के हिसाब से ये काफी कम है. उत्तर प्रदेश में 76,260 बेड हैं. दिल्ली में बेड की संख्या 24,383 है.
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