संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2014 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के रुप में मान्यता मिली. प्रचीन काल से ही योग को साधना के सर्वश्रेष्ठ माध्यम के रुप में जाना जाता है. इस साल अंतराराष्ट्रीय योग दिवस का 9वां संस्करण मनाया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र में इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे.
आखिर 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस क्यो मनाया जाता है?
योग दिवस मनाने के पीछे की सबसे बड़ी वजह योग है, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई. भारत में ऋषि- मुनियों द्वारा योग का प्रयोग शांति और साधना के लिए जाता था. 2014 में जब पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की 69वीं आम सभा में को संबोधित किया तो उस दौरान योग दिवस मनाने का सुझाव दिया.
11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशो द्वारा 21 जून को योग दिवस के रुप में मनाने के सुझाव पर मुहर लगा दी गई, जिसके बाद से इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मान्यता मिली.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पीछे का सबसे महत्वपुर्ण उद्देश्य योग के प्रति लोगों को जागरुक करना और मानसिक व शारीरिक स्थिति में सुधार लाना है. मानसिक और शारीरिक सेहत को ठीक रखने लिए आज की दुनिया योग का महत्व है.
योग दिवस 2023 की थीम क्या होगी?
2023 के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए "वसुधैव कुटुम्बकम" के थीम को चुना है. इसका मकसद योग दिवस के जरिए "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" की कल्पना को खूबसूरती से प्रदर्शित करना है.
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