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राना अय्यूब बोली- डराने-धमकाने की रणनीति मुझे सच बोलने से नहीं रोक सकती

राना अयूब को 29 मार्च को मुंबई एयरपोर्ट पर लंदन जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया था.

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भारत
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पत्रकार राना अय्यूब (Rana Ayyub) को दिल्ली की एक कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी की गई लुक आउट नोटिस को रद्द करते हुए कुछ शर्तों के साथ विदेश यात्रा करने की अनुमति दे दी है. कोर्ट का फैसला आने के बाद क्विंट से बात करते हुए राना अय्यूब ने कहा कि मैंने जो भी राहत कार्य किए हैं, मुझे उस पर गर्व है.

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किसी की डराने-धमकाने की रणनीति मुझे सच बोलने या अपने लोगों को इंसाफ पाने में मदद करने से नहीं रोक सकती. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.
राणा अय्यूब, पत्रकार

बता दें कि राना अयूब को 29 मार्च को मुंबई एयरपोर्ट पर लंदन जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया था. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें देश से बाहर सफर करने से रोकने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच का हवाला दिया था.

ईडी द्वारा लगाए गए के विदेश यात्रा प्रतिबंध पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला देते हुए राना अय्यूब पर कुछ शर्ते लगाई हैं. राना अय्यूब ने कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को न्याय की ओर पहला कदम बताया. उन्होंने कहा कि निराधार और दुर्भावनापूर्ण आरोपों के सामने न्याय मेरी ईमानदारी और मेरी सच्चाई का बचाव करेगा.

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मेरे द्वारा की गई पत्रकारिता के जवाब में मेरे खिलाफ आरोप लगाया गया है और एक टूल का इस्तेमाल किया गया है. मुझे उस राहत कार्य पर गर्व है जो मैंने अपनी जान जोखिम में डालकर किया है. मैंने अपने कार्यों के जरिए हॉस्पिटल में भर्ती उन सभी मरीजों को राहत देने की कोशिश की, जिन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया था. अगर आने वाले वक्त में जरूरत पड़ी तो मैं आगे बढ़कर लोगों की मदद करने से पहले दो बार नहीं सोचूंगी.
राणा अय्यूब

व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार, बोलने की स्वतंत्रता: दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?

दिल्ली की कोर्ट के जस्टिस सीडी सिंह ने सोमवार, 4 अप्रैल को राना अय्यूब के खिलाफ जारी एलओसी को रद्द कर दिया और अपने आदेश में कहा कि:

एक एलओसी एक व्यक्ति को सरेंडर करने के लिए एक जबरदस्त उपाय है और इसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता के व्यक्तिगत स्वतंत्रता और फ्री मूवमेंट के अधिकार में हस्तक्षेप होता है.

उन्होंने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि आक्षेपित एलओसी योग्यता से रहित होने के साथ-साथ याचिकाकर्ता के विदेश यात्रा करने और उसकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करने के मानवाधिकार का उल्लंघन करने के लिए के लिए अलग रखा जा सकता है.

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राना अय्यूब के खिलाफ केस

प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के तहत राना अय्यूब के खिलाफ दर्ज ईडी का केस सितंबर 2021 में गाजियाबाद पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर से संबंधित है, जिसमें राना अय्यूब द्वारा फंड कलेक्शन में अनियमितता का आरोप लगाया गया है.

ईडी ने पुलिस और आयकर विभाग द्वारा जांच किए जा रहे अपराध के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.

ये अनियमितताएं राना अय्यूब द्वारा अप्रैल 2020-जून 2021 के बीच शुरू किए गए तीन क्राउड फंडिंग अभियानों की ओर इशारा करती हैं, जिन्हें वर्चुअल प्लेटफॉर्म Ketto द्वारा पूरा किया गया था. हालांकि राना अयूब ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया है.

राना अय्यूब ने ट्विटर पर बयान शेयर करते हुए कहा कि केटो पर किए गए अपने तीन अभियानों में कहा कि मैंने कुल 2,69,44,679 रुपये (लगभग 26.9 मिलियन) जुटाए थे. मैंने अपने द्वारा किए गए राहत कार्यों के लिए सभी बिल और चालान दिए हैं, जो 40 लाख रुपये के बराबर है.

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