अप्रैल की तुलना में भारत में कोरोना और बेरोजगारी को लेकर चिंता बढ़ी है. ये मानना है कि IPsos सर्वे का. सर्वे के मुताबिक अप्रैल में 62% भारतीय कोरोना को लेकर चिंतित थे लेकिन मई में ये आंकड़ा 65% हो गया.
मार्केट रिसर्च कंपनी IPsos का ताजा सर्वे 24 अप्रैल से 8 मई के बीच किया गया. कुल मिलाकर करीब 19000 लोगों के बीच ऑनलाइन सर्वे किया गया. ये सर्वे भारत समेत 27 देशों में किया गया.
बेरोजगारी दूसरी सबसे बड़ी चिंता
लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी की चिंता बढ़ी है. अप्रैल में जहां 38 फीसदी भारतीय बेरोजगारी को लेकर चिंतित थे, वहीं मई में ये आंकड़ा 49 फीसदी हो गया. हालांकि ये भी याद रखना चाहिए कि जून के पहले हफ्ते में भारत में बेरोजगारी दर 24% से घटकर 17% पर आ गई. 8 जून से इकनॉमी थोड़ी-थोड़ी खुलने का अभी और असर दिखेगा. सर्वे के मुताबिक गरीबी और सामाजिक गैरबराबरी को लेकर भी चिंता बढ़ी है. अब 8 % ज्यादा लोग इसको लेकर परेशान हैं
सही दिशा में बाजार
इतने सबके बावजूद सर्वे के मुताबिक देश बाजार के रुख को लेकर पॉजिटिव है. 72 फीसदी शहरी मानते हैं कि हम सही दिशा में जा रहे हैं. अप्रैल में ऐसा मानने वाले 65% थे. जिन देशों में सर्वे किया गया उनमें सऊदी अरब के बाद भारत में ही सबसे ज्यादा पॉजिटिव सेंटिमेंट है.
दुनिया और देश का मूड एक जैसा
गौर करने लायक बात ये है कि बाकी जिन देशों में सर्वे किया गया वहां भी कोरोना और बेरोजगारी नंबर एक और 2 समस्याएं हैं. तीसरे नंबर पर उन देशों में भी सामाजिक गैर बराबरी की चिंता है. भारत अब दुनिया में चौथा सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित देश बन चुका है. worldometers के मुताबिक भारत में कोरोना केस की संख्या 3 लाख पार कर चुकी है और 8 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. पूरी दुनिया की बात करें तो अब तक 76 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और 4 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.
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