भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 फरवरी को सुबह 5 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारत के वर्कहॉर्स पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Workhorse Polar Satellite Launch Vehicle) (पीएसएलवी-सी52) के लिए टेकऑफ निर्धारित किया है.
इसरो (ISRO) का ये इस साल का पहला लॉन्च होगा. इसरो ने 13 फरवरी को एक बयान में कहा, "लांच के लिए उलटी गिनती आज सुबह 4:29 बजे शुरू हो गई है."
पीएसएलवी अपने मुख्य पेलोड में ईओएस-04 नाम की एक रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट ले जाएगा. इसके साथ ही यह यान दो वैज्ञानिक उपकरणों के साथ एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन थर्मल इमेजिंग सैटेलाइट और एक छात्र-विकसित सैटेलाइट की मेजबानी करेगा.
तकनीकी कमियों के कारण पिछले साल अगस्त में यह विफल हो गया था
इसरो ने 12 फरवरी को एक बयान में कहा, "लांच के लिए 25 घंटे और 30 मिनट की उलटी गिनती 13 फरवरी, 2022 को 04:29 बजे शुरू होगी." यह लॉन्च अगर कामयाब रहा तो यह एजेंसी के लिए भी एक बूस्ट होगा. इसरो का अंतिम मिशन - जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV-F10), एक अन्य अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट EOS-03 ले जा रहा है, तकनीकी कमियों के कारण पिछले साल अगस्त में यह विफल हो गया था.
पीएसएलवी (PSLV) का 54वां मिशन पृथ्वी की सतह से 529 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाकर सूरज के ऑर्बिट में अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट को तैनात करेगा. पीएसएलवी भारत द्वारा डिजाइन किया गया थर्ड जनरेशन लॉन्च व्हीकल है, जो 600 किमी की ऊंचाई के सूर्य-तुल्यकालिक ऑर्बिट में 1,750 किलोग्राम पेलोड तक ले जा सकता है.
पीएसएलवी लॉन्च, इंडियन नेशनल स्पेस प्रोमोशन एंड ऑथोराइजेशन (IN-SPACe) के नामित अध्यक्ष द्वारा देखा जाएगा. यह अंतरिक्ष विभाग के तहत एक इंडिपेंडेंट बॉडी है, जो निजी क्षेत्र की अंतरिक्ष कंपनियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए जिम्मेदार होती है.
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