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पत्रकार जे डे मर्डर केस:छोटा राजन समेत 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा

पढ़िए- अब तक जे डे मर्डर केस में क्या हुआ?

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भारत
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मुंबई के बहुचर्चित जे डे मर्डर केस में मकोका कोर्ट ने आरोपी छोटा राजन समेत 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि हत्या के लिए राजन को उकसाने के आरोप से पूर्व पत्रकार जिग्ना वोरा को बरी कर दिया है. न्यायाधीश ने पॉलसन जोसेफ को भी बरी कर दिया, जिसपर साजिश से जुड़े वित्तीय लेन - देन का आरोप था.

मुंबई के जाने माने क्राइम रिपोर्टर ज्योतिर्मय डे की उपनगर पवई में 11 जून 2011 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह मिड डे न्यूज पेपर में काम करते थे. जेडे की हत्या उस वक्त की गई, जब वह मोटरसाइकिल से अपने घर की ओर जा रहे थे. इस केस की सुनवाई महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की स्पेशल कोर्ट में हो रही है. सबसे पहले इस केस की जांच मुंबई पुलिस ने की थी. बाद में साल 2016 में इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया था.

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फैसला सुनने के बाद बोला राजन- “ठीक है”

तिहाड़ जेल में बंद छोटा राजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बना. न्यायाधीश द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद जज ने उससे पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहता है? इसके जवाब में उसने कहा, ‘‘ठीक है.”

इंडोनेशिया के बाली हवाईअड्डे से 2015 में गिरफ्तार किए जाने के बाद से यह पहला बड़ा आपराधिक मामला है, जिसमें राजन को दोषी ठहराया गया. पिछले साल दिल्ली की एक अदालत ने राजन को फर्जी पासपोर्ट के एक मामले में दोषी करार दिया था और सात साल कैद की सजा सुनाई थी.

इस हत्याकांड में हुई थी 12 आरोपियों की गिरफ्तारी

अभियोजन पक्ष के मुताबिक, यह हत्या छोटा राजन के इशारे पर की गई थी, जो कथित तौर पर उन नकारात्मक खबरों से ‘ नाखुश ' था, जिनके मुताबिक डे उसकी सेहत और अंडरवर्ल्ड में खत्म होती उसकी पैठ पर लिख रहे थे.

इस मामले में राजन , गोली चलाने वाला सतीश जोसेफ उर्फ सतीश कालिया और वोरा समेत कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. अभियुक्तों में से एक विनोद असरानी की 2015 में मुकदमे के दौरान ही लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई थी.

आरोपियों के खिलाफ हत्या (302), आपराधिक साजिश (120 बी ) और साक्ष्य नष्ट करने (204) से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के साथ मकोका और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. दोषी ठहराए गए सभी नौ व्यक्तियों को मकोका और आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा सुनाई जाएगी, जिसमें अधिकतम सजा मौत की सजा है.

राजन के अलावा इस मामले में दोषी ठहराए गए अन्य लोगों में सतीश कालिया, अनिल वाघमोडे, अभिजीत शिंदे, नीलेश शेंदगे, अरुण दाके, मंगेश अगवाणे, सचिन गायकवाड़ और दीपक सिसोदिया शामिल हैं.

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अब तक के घटनाक्रम पर एक नजर

  • जून 11, 2011 को मुंबई के उपनगर पोवाई में बाइक सवार हत्यारों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी.
  • जिग्ना वोरा नामक एक और पत्रकार पर डे की मोटरसाइकिल की नंबरप्लेट और उनके घर के पते आदि की जानकारी डॉन तक पहुंचाने का आरोप है.
  • उसे नवंबर 2011 में गिरफ्तार किया गया था जबकि जुलाई 2012 में बेल दे दी गई थी.
  • पुलिस ने दिसंबर 2011 में 10 गिरफ्तार आरोपियों सतीश कालिया, अभिजीत शिंदे, अरुण डेक, सचिन गायकवाड, अनिल वाघमोडे, नीलेश शेंदगे, विनोद असरानी, मंगेश अगावाने, पॉलसन जोसेफ और दीपक सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
  • बाद में पत्रकार वोरा के खिलाफ एक और चार्जशीट दाखिल की गई थी. पुलिस के मुताबिक डे ने राजन के खिलाफ दो आर्टिकल लिखे थे, जिनसे नाराज होकर राजन ने उनकी हत्या करा दी.
  • चार्जशीट के मुताबिक वोरा ने पेशेवर प्रतिद्वंदिता के चलते डॉन को डे की हत्या के लिए उकसाया था.
  • कोर्ट ने वोरा समेत 11 लोगों पर 8 जून को आरोप तय किए थे.
  • कोर्ट का आरोप था कि सभी आरोपी राजन के गेंग के सदस्य हैं और इन्होंने डे की हत्या की साजिश रची थी.
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तिहाड़ जेल में बंद है राजन

छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है. अंडरवर्ल्ड में उसे छोटा राजन के नाम से जाना जाता है. छोटा राजन फिलहाल तिहाड़ जेल में कैद है. उसे साल 2015 में इंडोनेशिया के बाली से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था. छोटा राजन पर हत्या के अलावा तस्करी, कब्जा, वसूली और अवैध हथियारों के इस्तेमाल का भी आरोप है.

राजन को 25 अक्टूबर, 2015 को इंडोनेशिया के बाली में गिरफ्तार किया गया था. यह ऑपरेशन सीबीआई, इंटेलीजेंस यूनिट, मुंबई क्राइम ब्रांच, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया पुलिस के साथ इंटरपोल के कोऑर्डिनेशन के जरिए सफल हो सका था. इसके बाद छोटा राजन को बाली से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया. तब से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

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