जगदीप धनखड़ के रूप में भारत को 14वां उपराष्ट्रपति मिल गया है. NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार रहे जगदीप धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों के बड़े अंतर से हराया है. चुनाव में कुल 725 सदस्यों ने वोट किया. इनमें से धनखड़ को 528 वोट मिले, जबकि विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले. वहीं, 15 वोट अमान्य कर दिए गए.
उप राष्ट्रपति चुनाव में रिटर्निंग अफसर ने आधिकारिक तौर पर नतीजे घोषित करते हुए कहा कि कुल 780 निर्वाचक थे और 725 ने अपना वोट डाला, जो कुल मतों का 92.45 फीसदी था. जबकि 55 ने वोट नहीं डाला.इन 55 गैरहाजिर सांसदों में 34 टीएमसी, बीजेपी-सपा और शिवसेना के 2-2 और बसपा के एक सांसद शामिल हैं.
वहीं, 36 सांसदों वाली तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला किया था. लेकिन शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और डिब्येन्दु अधिकारी ने मतदान किया. यानी टीएमसी के 34 सांसदो ने मतदान नहीं किया. बीजेपी के दो सांसदों ने वोट नहीं डाला. सनी देओल और संजय धोत्रे ने वोट नहीं डाला. राष्ट्रपति चुनाव में भी ये वोट नहीं डाल सके थे.
सभी ने नए उपराष्ट्रपति को दी बधाई
नव निर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बधाई दी. उनके अलावा पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी जगदीप धनखड़ को बधाई दी.
वकील से उपराष्ट्रपति बनने तक का सफर
जगदीप धनखड़ 10 नवंबर 1979 को राजस्थान बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में रजिस्टर्ड हो गए. इसी साल उन्होंने सुदेश धनखड़ जी से विवाह किया. यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा 27 मार्च 1990 को सीनियर एडवोकेट बनाए जाने से लेकर 30 जुलाई 2019 को राज्यपाल के पद की शपथ लेने तक वह राजस्थान के सबसे नामी सीनियर एडवोकेट थे.
जगदीप धनखड़ साल 1987 में सबसे कम उम्र में राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष चुने गए थे. वो एक साथ बाद साल 1988 में राजस्थान बार काउंसिल के सदस्य भी निर्वाचित हो गए.
फिर उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की. साल 1989 में जब 9वीं लोकसभा के चुनाव हुए तो वो जनता दल के टिकट पर झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से जीतकर संसद पहुंचे. 1990 में केंद्रीय मंत्री भी बनाए गए.
इसके बाद साल 1993 से 1998 तक अजमेर जिले के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए. धनकड़ ने इसके बाद कांग्रेस का हाथ थाम लिया. मगर लोकसभा में मिली हार के बाद 2003 में वो बीजेपी में शामिल हो गए.
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत 20 जुलाई, 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया. कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. नायर राधाकृष्णन ने 30 जुलाई, 2019 को उन्हें राज्यपाल पद की शपथ दिलाई.
6 अगस्त 2022 को जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीता.
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