देश की राजधानी दिल्ली का जहांगीरपुरी इलाका सांप्रदायिक हिंसा (Jahangirpuri Violence) और कथित अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद से तनावपूर्ण बना हुआ है. सांप्रदायिक हिंसा, बुलडोजर और तमाम दलों के नेताओं के जत्थे के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी अब जहांगीरपुरी में एंट्री मारती दिख रही है. दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार, 22 अप्रैल को ED को लेटर लिखकर जहांगीरपुर हिंसा के कथित मास्टरमाइंड की संपत्तियों के स्रोतों जांच की मांग की है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार हिंसा की जांच कर रहे क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा कि 38 वर्षीय अंसार शेख कथित तौर पर विदेश से धन प्राप्त कर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि
“ कथित तौर पर वह हल्दिया (पश्चिम बंगाल) में एक बड़ी हवेली के मालिक है और अपने समुदाय के लिए बहुत दान करता है. हमें संदेह है कि राजधानी में सांप्रदायिक अशांति पैदा करने में इस्तेमाल करने के लिए वह अक्सर अवैध रास्तों के माध्यम से धन प्राप्त करता है"
अबतक 25 आरोपी गिरफ्तार
अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने अब तक 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और तीन नाबालिगों को पकड़ा है. बताया गया कि “27 और आरोपियों की पहचान की गई है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इनमें से चार वारदात में शामिल पाए गए हैं"
"हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उनकी गतिविधियां एक बड़ी सफलता प्रदान कर सकती हैं. मुख्य आरोपी में से एक से पूछताछ जारी है."
सीपीआई नेताओं ने किया चक्का जाम
पार्टी महासचिव डी राजा के नेतृत्व में सीपीआई के एक प्रतिनिधिमंडल को आज दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी में बुलडोजर चलने से प्रभावित लोगों से मिलने से रोक दिया.
इसके बाद विपक्षी नेताओं को क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देने पर दिल्ली पुलिस के विरोध में सीपीआई नेता सड़क पर बैठ गया हैं और दिल्ली पुलिस, गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
मीडिया से बात करते हुए डी राजा ने दुकानों को गिराए जाने और लोगों की आजीविका की "तबाही" की निंदा की. पीड़ितों से मिलने की अनुमति नहीं देने के लिए पुलिस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
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