दिल्ली (Delhi) में हनुमान जयंती पर जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में हिंसा भड़कने के दो दिन बाद इस मामले में दिल्ली पुलिस प्रमुख का कहना है कि हनुमान जयंती जुलूस के दौरान मस्जिद में भगवा झंडा फहराने की कोई कोशिश नहीं की गई थी. दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार, 18 अप्रैल को कहा कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे उनका वर्ग, पंथ या समुदाय कुछ भी हो.
सीपी अस्थाना ने कहा, "23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वे दोनों समुदायों से हैं. हम मामले की पूरी तरह से जांच कर रहे हैं. हर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसके खिलाफ सबूत पाए जाएंगे, चाहे उनका वर्ग, पंथ, समुदाय और धर्म कोई भी हो."
"देश के विभिन्न हिस्सों में, रामनवमी के जुलूस निकले. हनुमान जयंती के जुलूस निकाले जा रहे हैं. सभी जानते हैं, कुछ हिस्सों में यह शांतिपूर्ण था, कुछ हिस्सों में कुछ समस्या थी तो निश्चित रूप से हम भी सावधान थे और हम भी तैयार थे. हमने एक घंटे में स्थिति को नियंत्रण में लाया."राकेश अस्थाना, दिल्ली पुलिस कमिश्नर
जब राकेश अस्थाना से पूछा गया कि फॉरेनसिक टीम को मौके पर पहुंचने में देरी क्यों हुई? तो जवाब में राकेश अस्थाना ने कहा कि "वो पहुंच गई थी आप उसकी बात कीजिए."
अस्थाना ने पत्रकारों से कहा कि सीसीटीवी फुटेज और डिजिटल मीडिया का विश्लेषण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट पर नजर रखी जा रही है और शांति भंग करने और गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एक्सप्रेस के मुताबिक इस मामले को क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है और जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया गया है.
मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.
बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने रविवार को जहांगीरपुरी में शनिवार शाम हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के सिलसिले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें दो नाबालिगों को भी पकड़ा गया है.
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