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Jahangirpuri: दिल्ली पुलिस ने रमजान, रामनवमी जुलूस की अनुमति देने से इनकार किया

अप्रैल 2022 में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी.

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उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में पिछले साल, अप्रैल 2022 में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. ऐसे में दिल्ली पुलिस ने इस बार वहां रामनवमी शोभा यात्रा और रमजान की नमाज अदा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

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द क्विंट से बात करते हुए डीसीपी (नॉर्थवेस्ट) जितेंद्र कुमार मीणा ने कहा, "जहांगीरपुरी में कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए रमजान और रामनवमी के जुलूसों की अनुमति नहीं दी गई है."

उन्होंने आगे कहा कि जहांगीरपुरी के एक स्थानीय व्यक्ति ने रमजान की नमाज के लिए अनुमति मांगी थी, जिसका इस तरह की सभाओं के आयोजन का कोई पूर्व रिकॉर्ड नहीं है. इसके अलावा रामनवमी के जुलूस के लिए अखिल भारत युवा हिंदू मोर्चा नाम के एक समूह द्वारा अनुमति मांगी गई थी.

अप्रैल 2022 में भड़की थी हिंसा

16 अप्रैल 2022 को जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई थी. पुलिस के अनुसार इसमें पथराव किया गया, वाहनों को आग लगा दी गई, और कम से कम आठ पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हो गए. इसमें से एक पुलिस अधिकारी को गोली लगी थी.

दिल्ली पुलिस ने बाद में 24 लोगों को गिरफ्तार किया और सांप्रदायिक झड़प के सिलसिले में दो नाबालिगों को पकड़ा था.

पुलिस क्या कहा रही है?

कानून और व्यवस्था के संभावित खतरे के अलावा, डीसीपी ने द क्विंट को यह भी बताया कि इन कार्यक्रमों के लिए अनुमति पहले से नहीं मांगी गई थी और इसके लिए हाल ही में अनुरोध किया गया था.

"दोनों धार्मिक त्योहार एक ही सप्ताह में होने के कारण टकराव हो सकता है. किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए, हमने लोगों को इन सभाओं से दूर रहने के लिए कहा है।"
डीसीपी मीणा

अखिल भारत युवा हिंदू मोर्चा क्या कह रहा है?

दिल्ली पुलिस के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए, अखिल भारत युवा हिंदू मोर्चा (ABYHM) के राष्ट्रीय संयोजक शिवोम मिश्रा ने दावा किया, "हमें बताया गया है कि शोभा यात्रा आयोजित करने से क्षेत्र में संभावित कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है, जैसा कि पिछले साल क्या हुआ था. अगर आप उन लोगों को देखेंगे जो पिछले साल झड़पों के पीछे थे, तो आप देखेंगे कि वे या तो आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं या एक विशेष समुदाय के हैं. हमें समझ में नहीं आता है कि फिर शोभा यात्रा को अनुमति क्यों नहीं दी गई है."

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