जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक विधेयक, 2019 मंगलवार को राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया. कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी इसमें भागीदारी की. राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम, 1951 के तहत प्रावधान था कि इसके न्यासी कांग्रेस प्रमुख होंगे. प्रावधान के अनुसार, केंद्र सरकार इस न्यास के लिए तीन न्यासियों को पांच साल के लिए मनोनीत करती है.
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केंद्र सरकार अब न्यासियों को बिना किसी कारण कार्यकाल पूरा होने से पहले हटा सकती है।
संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने विधेयक पेश करते हुए कहा,
“जलियांवाला बाग जनसंहार के 100 साल बाद दलगत राजनीति से ऊपर उठकर हर किसी को इस पर सहमति जतानी चाहिए और इसे पारित करना चाहिए.”
इस विधेयक को लोकसभा 2 अगस्त को पारित कर चुकी है.
इनपुट:IANS
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टॉपिक: जलियांवाला बाग
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