राजस्थान (Rajasthan) के जालोर (Jalore) में दलित छात्र की मौत पर दिए गए कुछ बयानों के चलते मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
दिग्विजय सिंह पर जालोर मामले में आरोपी शिक्षक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जोड़कर ट्विटर पर कुछ ट्वीट करने के आरोप लगाए गए हैं. इस मामले में RSS से जुड़े जालोर निवासी मधुसूदन व्यास ने कोतवाली मे केस दर्ज करवाया है.
'लोगों को संघ के विरुद्ध भड़काया गया'
शिकायतकर्ता मधुसूदन व्यास ने दिग्विजय सिंह, उदितराज, संदीप सिंह, हंसराज मीणा और गौतम कश्यप के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि "इन नेताओं ने स्कूल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जोड़ा और इन लोगों ने इस तरह से ट्वीट कर हिन्दू समाज के एक वर्ग के लोगों को संघ के विरुद्ध भड़काने का काम किया है."
बता दें कि 20 जुलाई को सुराणा गांव के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले इंद्र मेघवाल की मौत हो गई थी और छात्र की हत्या का आरोप स्कूल के ही शिक्षक छैल सिंह पर लगा.
आरोप लगाया गया कि दलित जाति से आने वाले इंद्र ने स्कूल में पानी का मटका छू लिया और इससे नाराज होकर शिक्षक छैल सिंह ने छात्र की इस तरह से पिटाई कर दी कि उसकी मौत हो गई. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर खूब बहसबाजी भी देखने को मिल रही है.
जांच के लिए SIT गठित की गई
राज्य की गहलोत सरकार ने दलित छात्र की मौत मामले में परिवार की मांग पर SIT जांच के आदेश दिए हैं. कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इस मामले में तीखी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा, "इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि क्या फिर कोई घटना होगी, तब हम एक्शन लेंगे? इस सिस्टम को बदलना होगा. आजादी को 75 साल पूरे हो गए हैं. जिस तरह से जातिगत भेदभाव हो रहा है और यह घटना हुई है, वो कहीं ना कहीं बड़े सवाल खड़े करती है."
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