जम्मू और कश्मीर (Jammu & Kashmir) में आर्टिकल 370 (Article 370) के हटने के बाद से आम नागरिकों की मौत में बढ़ोतरी हुई है वहीं सेना के जवानों की मौत में कमी आई है. दरअसल, पिछले हफ्ते संसद में गृह मंत्रालय ने एक डेटा मुहैया कराया है जिसमें बताया गया है कि 5 अगस्त, 2019 के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में एक महीने में आतंकी हमलों में औसतन 3.2 मौतें हो रही हैं, जबकि इससे पांच साल पहले ये संख्या एक हर महीने में लगभग 2.8 हुआ करती थी.
जम्मू-कश्मीर में इस दौरान में मारे गए सेना के जवानों के तुलनात्मक आंकड़े 1.7 प्रति माह और 2.8 प्रति माह हैं.
मई 2014 और 5 अगस्त, 2019 के बीच 63 महीने में आतंकी हमलों में 177 नागरिक मारे गए हैं. उसके बाद के 27 महीनों में नवंबर तक 87 नागरिक मारे गए. उनमें से 40 से ज्यादा अकेले इसी साल मारे गए हैं.
इस साल 200 से ज्यादा आतंकी घटनाएं
वहीं 2019 में जम्मू-कश्मीर में 255 आतंकी घटनाएं हुईं, 2020 में 244 घटनाएं हुई थीं और इस साल यह आंकड़ा 200 को पार कर गया है.
1 दिसंबर को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में हताहतों की संख्या कम होने पर जोर देते हुए डेटा पेश किया.
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में घाटी में आम नागरिकों समेत अल्पसंख्यक समाज के लोग और प्रवासी कामगारों पर कई हमले हुए हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया है कि हमले शुरू होने के बाद से 20 से अधिक संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया गया है.
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