कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद तीन जवानों में शामिल, कर्नल मनप्रीत सिंह (Colonel Manpreet Singh) का शव शुक्रवार, 15 सितंबर को पंजाब में मोहाली जिले के मुल्लांपुर पहुंचा. यहां शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के शव को उनके छह वर्षीय बेटे ने सेना की वर्दी में अंतिम सलामी दी. उसकी छोटी बहन पास खड़े होकर भैया की तरह ही शव को सलामी देती नजर आई.
दूसरी तरफ इसी मुठभेड़ में शहीद मेजर आशीष धोनेक को पानीपत के लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. 'भारत माता के जयकारों' के बीच मेजर आशीष अपने पैतृक गांव बिंझौल में पंचतत्व में विलीन हो गए.
जैसे ही सैन्य अधिकारी शहीद मेजर आशीष का शव लेकर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचे, उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. हजारों नम आखों के साथ मेजर को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई.
'मेजर आशीष अमर रहें' के जयकारों से गूंजा आसमान
सेना के जवानों ने मेजर को पुष्प चक्र भेंट किया. वहीं, उनके अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान 'भारत माता की जय' और 'मेजर आशीष अमर रहें' के जयकारों से आसमान गुंजायमान हो गया. हाथ जोड़े मां और बहन ने रोते हुए मेजर आशीष को सैल्यूट कर अलविदा कहा.
वहीं, मेजर के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. मेजर की पत्नी और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. वे अपने माता-पिता, पत्नी, बहनों के अलावा, दो साल की बेटी को पीछे छोड़ गए हैं.
शहीद मेजर के चाचा दिलवर सिंह ने बताया था कि आशीष डेढ़ महीने पहले घर आया था. परिवार को एक नए घर में शिफ्ट होना था, इसलिए वो अक्टूबर में फिर से घर आनेवाला था.
अनंतनाग मुठभेड़ में मेजर, कर्नल समेत 3 शहीद
बता दें कि 19 राष्ट्रीय राइफल्स (19 RR) के मेजर आशीष धोनैक कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. उनके साथ 19 आरआर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह (41 वर्ष) और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डिप्टी एसपी हुमायूं भट भी शहीद हो गए थे.
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