जम्मू-कश्मीर में विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि राज्य मंत्रिपरिषद से हसीब द्राबू को बर्खास्त करने का मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का फैसला सही था. वहीं द्राबू का कहना है कि उनको हटाने का फैसला स्तब्ध करने वाला था.
मुझे हटाने का फैसला अचानक आया, लेकिन जिस तरीके यह बताया गया वह स्तब्ध करने वाला था.हसीब द्राबू
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि द्राबू की पार्टी पीडीपी ने ये फैसला लिया और उन्हें लगता है कि ये सही फैसला है.
ये पार्टी का एक आंतरिक फैसला है, मैं क्या कह सकता हूं. हां, हमने द्राबू के उस बयान की निंदा की है, जिसके तहत उन्होंने कहा था कि कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है. पीडीपी ने इसमें एक मुद्दा देखा. यहां सभी पार्टियों ने बयान की निंदा की हैफारूक अब्दुल्ला
राज्य में पीडीपी- बीजेपी गठजोड़ में एक अहम भूमिका निभाने वाले द्राबू (57) ने कश्मीर को लेकर कमेंट किया था.
द्राबू ने ये बयान देकर राजनीतिक विवाद बढ़ा दिया था कि जम्मू-कश्मीर की समस्या न तो राजनीतिक है, न ही ये हिंसाग्रस्त राज्य है.
9 मार्च को नई दिल्ली में 'पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' के एक कार्यक्रम में द्राबू के बयान देने के बाद पीडीपी ने रविवार को उन्हें अपना मत साफ करने के लिए नोटिस भेजा था.
द्राबू के बयान के बाद राज्य की मुख्यधारा में शामिल पार्टियों और अलगाववादियों, दोनों ने पीडीपी की आलोचना करते हुए कहा था कि ये बयान 'सत्ता में बने रहने के लिए पार्टी के खुद को राजनीतिक रूप से बेच देने का सबूत है.'
पीडीपी ने रविवार को कहा था कि वो राज्य की समस्या को एक राजनीतिक मुद्दा मानती है और पार्टी अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही इसे बातचीत के जरिए सुलझाने की लगातार कोशिश करती रही है.
नई दिल्ली में शुक्रवार को किए गए उस कमेंट को लेकर सोमवार को मंत्री परिषद से बर्खास्त कर दिया गया. उनकी जगह जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री सैयद मोहम्मद अलताफ बुखारी को वित्त विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया.
(इनपुट भाषा से)
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