20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुंछ में सेना की गाड़ी पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया. इस हमले में भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए. शहीद जवानों में पंजाब के मोगा जिले के गांव चड़िक निवासी लांस नायक कुलवंत सिंह भी शामिल है. कुलवंत की मां का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं, रिश्तेदार ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं.
तीन साल पहले हुई थी शादी
कुलवंत सिंह की शादी तीन साल पहले हरदीप कौर से हुई थी. कुलवंत अपने पीछे 1 साल की बेटी और 5 महीने के बेटे को छोड़ गए हैं. कुलवंत के पिता भी कारगिल में ड्यूटी पर शहीद हो गए थे.
कारिगल में शहीद हो गए थे हरजिंदर के पति
ऐसा पहली बार नहीं है जब, हरजिंदर कौर अपने प्रियजन का राष्ट्रीय ध्वज में लपेटे जाने का इंतजार कर रही हैं. 31 साल पहले कारगिल युध्द में उनके पहले पति बलदेव सिंह इसी उम्र में शहीद हो गए थे. उस वक्त कुलंवत की उम्र 1.5 साल की थी और उन्हें शहीद का बेटा के नाम से जाना जाता था.
बेटे कुलवंत को आखिरी बार देखते समय मां हरजिंदर ने कहा, ''पिछले महीने उसने यहां छुट्टियां बिताई थीं. यहां कुछ दिन बिताने के बाद वह 1 अप्रैल को चला गया था.''
कैसे हुई जानकारी?
परिवार को अगले दिन सुबह 6:00 बजे तक हमले या कुलवंत की शहादत के बारे में पता नहीं चला. सेना के परिवार से संपर्क स्थापित करने में विफल रहने के बाद, एक अधिकारी ने गांव के पूर्व सेना जवान नायब सिंह (56) से संपर्क किया.
"मुझे शाम 5:00 बजे के आसपास एक कॉल आया. सेना परिवार का पता लगाने की कोशिश कर रही थी. उन्होंने मुझे आधार कार्ड और उसके अन्य व्यक्तिगत विवरण भेजे. गांव में दो व्हाट्सएप ग्रुप हैं, इसलिए मैंने रात करीब 10 बजे अपने बेटे की जानकारी डाली. अगले दिन सुबह 6:00 बजे हमें पता चला की मेरे बेटा शहीद हो गया है.नायब सिंह, सेना का पूर्व जवान
'परिवार के लिए नया घर बना रहे थे कुलवंत सिंह'
उनके पहले पति के शहीद होने के बाद, उन्होंने मंदार सिंह से दोबारा शादी की और उनके साथ दो बच्चे हुए. भारतीय सेना के पूर्व जवान नायाब सिंह ने बताया, "कुलवंत मोगा जिले में एक घर बना रहा था. उसने इस निर्माण के बारे में चर्चा भी की थी. वह चाहता था कि उसका परिवार अगले कुछ महीनों में वहां जाकर रहने लगे."
नायब सिंह ने कुलवंत को याद करते हुए कहा, "कुलवंत के निधन से गांव दुखी है, लेकिन हमें इस बात का भी गर्व है कि वह अपने पिता की तरह शहीद हुए." नायब सिंह ने सेना को बताया कि कुलवंत पारिवारिक और संस्कारी लड़का था.
वहीं, सेना ने बताया कि हमले के बाद कुलंवत की पहचान उनके जेब से मिले पेनकार्ड से हुई थी, जिन्होंने शहीद होने से पहले सेना में अपने 14 साल पूरे कर लिए थे.
हमले में पांच परिवार उजड़ गए
बता दें कि गुरुवार (20 अप्रैल) को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हो गए. इन सभी जवानों की आग में झुलसकर मौत हुई है. दरअसल, आतंकियों ने ट्रक पर फायरिंग के बाद ग्रेनेड फेंका. जिससे ट्रक में आग लग गई
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