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जवानों पर हमला करनेवाले 4500 पत्थरबाजों से केस वापस लेगी सरकार

जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिलों को जीतने के लिए सरकार नया फॉर्मूला ढूंढ रही है.

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जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिलों को जीतने के लिए सरकार नया फॉर्मूला ढूंढ़ रही है. कश्मीर में जवानों पर हमला करने वाले पत्थरबाज युवाओं पर लगे केस वापस लिए जाएंगे.

केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा के सुझाव पर अमल करते हुए कश्मीर घाटी में उन युवकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएंगे, जो पहली बार पथराव में शामिल हुए थे. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

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घाटी में माहौल बदलने के लिए केंद्र ने विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया

दिनेश्वर शर्मा केंद्र सरकार की तरफ विशेष प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने के बाद घाटी पहुंचे थे. इस दौरान उनके पास आम लोगों से लेकर अलग-अलग संगठनों की ओर से इस बात के लिए ढेरों गुजारिश आए थे कि पथराव में शामिल युवकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिये जाएं.

2017 में 11,500 पत्तरबाजों पर मामला हुआ था दर्ज

अधिकारियों के मुताबिक,

पिछले साल जुलाई से अबतक पत्थरबाजों पर 11,500 मामले दर्ज किये गये हैं. इनमें से 4,500 केस उन युवाओं के खिलाफ दर्ज किए गए, जो पहली बार पत्थरबाजी में शामिल पाए गए थे.

जब इस संबंध में शर्मा से संपर्क किया गया तब उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन इतना कहा, मेरी कोशिश राज्य में चर्चा शांति की दिशा में मोड़ना है. और उसके लिए मुझे युवाओं एवं छात्रों के समर्थन की जरूरत है.

अधिकारियों के मुताबिक,

पत्थरबाजी के दूसरे मामलों का भी केंद्र जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मिलकर रिव्यू करेगा. केंद्र उन युवकों के पुनर्वास पर भी विचार कर सकता है, जो आतंकवादी संगठनों से जुड़ गये हैं, लेकिन किसी भी संगीन जुर्म में शामिल नहीं थे.

दिनेश्वर शर्मा की कुछ और पहल

दिनेश्वर शर्मा ने अपने घाटी दौरे में यह भी पाया कि घाटी खासकर सर्दियों में बिजली की किल्लत से जूझ रही है ऐसे में इस साल कश्मीर को अतिरिक्त 300 मेगावाट बिजली दी जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि अगले साल सर्दी के शुरुआत से ही 24 घंटे बिजली की आपूर्ति हो.

साथ ही केंद्र सरकार मुठभेड़ों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए अनुग्रहराशि भी बढाएगी. फिलहाल स्थानीय पुलिसकर्मी के शहीद होने पर 40 लाख रुपये दिये जाते हैं.

अधिकारियों के मुताबिक हाल ही में कश्मीर पर कोरग्रुप की बैठक में इन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई थी. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी और उसमें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए थे. राज्य सरकर से केंद्र सरकार के सुझावों के अनुसार पहल करने की उम्मीद है.

गृह एवं रक्षा मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारी और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख भी इस बैठक में शामिल हुए थे.

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