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जंतर-मंतर भड़काऊ नारे: हिंदू आर्मी चीफ को पुलिस ने लखनऊ से किया गिरफ्तार

भड़काऊ नारे का संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

Published
भारत
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पिछले दिनों 8 अगस्त को, संसद से थोड़ी दूर स्थित जंतर-मंतर (Jantar-Mantar) पर मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक नफरत फैलाने वाले मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी की है. पुलिस ने खुद को हिंदू सेना संगठन का मुखिया बताने वाले सुशील तिवारी को गिरफ्तार किया है.

भड़काऊ नारे का संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने इसपर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

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हिन्दू सेना का मुखिया गिरफ्तार

खुद को हिंदू सेना संगठन का मुखिया बताने वाले सुशील तिवारी को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गिरफ्तार कर लिया गया है. जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नारेबाजी करने वाले लोगों में शामिल होने के संबंध में सुशील को गिरफ्तार किया गया है. 40 वर्षीय सुशील लखनऊ का रहने वाला है, जिसको पुलिस ने 20 अगस्त की देर रात उसके घर से उसे गिरफ्तार किया और बाद में दिल्ली लाया गया.

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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर सुशील ने लोगों को नारे लगाने के लिए एकत्रित किया था. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के जरिए उसकी पहचान की जा सकी है. अधिकारी ने कहा कि हमें पता लगा कि वो लखनऊ में है और हमने एक टीम भेजकर उसे गिरफ्तार करवाया.

रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताय कि सुशील ट्रैवल एजेंट के तौर पर भी काम करता है और उसका दिल्ली उसका आना-जाना लगा रहता है. कथित तौर पर उसे एक WhatsApp ग्रुप के जरिए जंतर-मंतर पर अन्य आरोपियों के साथ जुड़ने के लिए बुलावा मिला था.
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पिछले दिनों 10 अगस्त को हिंदू फोर्स संगठन के अध्यक्ष दीपक सिंह हिंदू को उसके साथियों प्रीत सिंह, विनोद सिंह और दो अन्य के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसमें चार अब भी पुलिस हिरासत में हैं, जो उस ग्रुप के सदस्य थे जिसके माध्यम से लोगों को जंतर-मंतर पर नारे लगाने के लिए एकत्रित किया गया था.

पूर्व दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट वकील अश्विनी उपाध्याय सहित अब तक इस मामले दुड़े सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अश्विनी को दो दिन की जेल हिरासत के बाद जमानत मिल गई थी.
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सांप्रदायिक नारेबाजी के केस में पुलिस ने दो अन्य व्यक्तियों को भी चिन्हित किया है, जिसमें पिंकी चौधरी जो जनवरी 2020 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की जिम्मेदारी लिया था और उत्तम मलिक का नाम शामिल है जो अभी फरार हैं.

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