जेट एयरवेज ने बुधवार रात से अस्थायी रूप से अपनी सभी उड़ानें स्थगित कर दीं, जिसके बाद मुंबई एयरपोर्ट पर कई यात्रियों ने पहुंचकर अपना पैसा रिफंड करने की मांग की. जिन यात्रियों ने पहले से टिकट करा रखा है उनके सामने ये संकट है कि उनका पैसा कब वापस मिलेगा. यात्री परेशान होकर एयरपोर्ट पर जेट एयरवेज के स्टाफ से अपने पैसे की मांग करने लगे, वहीं जेट के कर्मचारी खुद कई महीनों से सैलरी नहीं मिलने से परेशान हैं, इस मुश्किल में वो उनकी क्या मदद कर पाएंगे.
जेट एयरवेज की फ्लाइट 9W 2502 अमृतसर-मुंबई-दिल्ली आखिरी उड़ान थी. जेट एयरवेज की उड़ानें स्थगित करने का फैसला ऑपरेशन के लिए जरूरी मिनिमम इंटरिम फंड 400 करोड़ रुपये जुटाने में विफल रहने पर लिया है.
जेट एयरवेज की सर्विस बंद होने की वजह से दूसरे एयरलाइंस ने अपने किराये में बढ़ोतरी कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घरेलू उड़ानों में करीब 20 फीसदी और इंटरनेशनल उड़ानों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
16,000 कर्मचारियों का क्या होगा?
जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने का सीधा असर एयरलाइंस के 16,000 से ज्यादा कर्मचारियों पर पड़ेगा. क्योंकि उड़ानें बंद होने से 26 साल पुरानी एयरलाइन के अस्थायी तौर पर बंद होने से उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा.
जेट एयरवेज के सीनियर कमांडर असीम वालियानी ने बताया कि एयरलाइंस के पायलटों को बीते साढ़े तीन महीनों से कोई सेलरी नहीं मिली है. इसके अलावा बाकी कर्मचारियों को एक महीने की सैलरी नहीं मिली है.
जेट पर एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्टियम का 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है. कंपनी के लिए उम्मीद की आखिरी किरण इंटरिम फाइनेंसिंग और उधारदाताओं की शुरू की गई हिस्सेदारी की बिक्री प्रक्रिया को पूरा करना है.
लेनदारों की सरकार के साथ हुई बैठक के नतीजे का इंतजार कर रही नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन ने अंतराष्ट्रीय उड़ानों को 18 अप्रैल (गुरुवार) तक रद्द कर दिया था. इससे पहले एयरलाइन अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को 15 अप्रैल तक के लिए रद्द कर दिया था.
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जेट एयरवेज की आखिरी फ्लाइट रात 10:30 बजे, यात्रीगण कृपया ध्यान दें
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