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झारखंड : दो गुटों में तनाव के बाद बंद की गई इंटरनेट सेवाएं 36 घंटे बाद शुरू

पुलिस और झारखंड के स्थानीय पत्रकार ने क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि इंटरनेट सेवाएं अब शुरू हो चुकी हैं.

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भारत
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झारखंड (Jharkhand) के हजारीबाग में सरस्वति मूर्ति विसर्जन के दौरान दो पक्षों में हुए विवाद के बाद प्रशासन ने 7 फरवरी को राज्य के पांच जिलों हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, चतरा और रामगढ़ में इंटरनेट सेवाएं बैन कर दी थीं. 8 फरवरी की शाम 36 घंटे बाद इंटरनेट फिर शुरू कर दिया गया है.

6 फरवरी की शाम हुए इस विवाद में 17 वर्षीय युवक की हत्या हो गई थी, जिसके बाद इंटरनेट पर अफवाहों का बाजार गर्म होना शुरू हो गया. आगजनी की कुछ घटनाएं भी सामने आई थीं. आक्रोशित लोगों ने दूसरे पक्ष के लोगों के घर और वाहनों में आग लगा दी थी. नतीजतन प्रशासन ने मामला बिगड़ता देख राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं.

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सोशल मीडिया पर इस बैन को लेकर काफी हलचल रही. कई यूजर्स यहां तक भी दावा कर रहे थे कि पूरे झारखंड में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने एक क्षेत्रीय न्यूज चैनल के वीडियो को रीट्वीट भी किया. जिसमें सवाल उठाया गया था कि क्या झारखंड में इंटरनेट बैन अभिव्यक्ति की आजादी का हनन नहीं है?

हालांकि, झारखंड पुलिस के अधिकारियों और स्थानीय पत्रकार ने क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि इंटरनेट सेवाएं अब शुरू हो चुकी हैं.

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चालू हो गई हैं इंटरनेट सेवाएं

इंटरनेट सेवाएं बंद क्यों की गई थीं? कब तक बंद रहेंगी? ये जानने के लिए हमने झारखंड पुलिस के आईजी (ऑपरेशंस) अमोल विनुकांत होमकर से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि भ्रामक खबरों के चलते कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हुई थीं, लेकिन अब रीस्टोर हो गई हैं. विनुकांत ने ये भी कहा कि पांच जिलों में इंटरनेट बंद करने को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई एक आदेश जारी नहीं हुआ था. हर जिले की स्थिति को देखते हुए वहां के स्थानीय प्रशासन ने ये निर्णय लिया था.

इंटरनेट कुछ जिलों में बंद था, ये सच है, लेकिन ये फैसला वहां के स्थानीय प्रशासन ने लिया था. अब इंटरनेट सर्विस वापस शुरू कर दी गई हैं.
अमोल विनुकांत होमकर, आईजी, झारखंड पुलिस
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हमने झारखंड के स्थानीय स्वतंत्र पत्रकार मो. असग़र खान से ये जानने के लिए संपर्क किया कि इंटरनेट सेवाएं वाकई शुरू हो गई हैं या नहीं. असग़र ने क्विंट से बातचीत में कहा कि पांच जिलों में इंटरनेट बंद हुआ था. 36 घंटे बाद यानी 8 फरवरी लगभग शाम 6:45 बजे से इंटरनेट सेवाएं वापस बहाल कर दी गईं.

हजारीबाग के बरही और कोडरमा के मरकच्चो में दो समुदायों के बीच विवाद हो गया था. विवाद के बाद सोमवार सुबह से पांच जिलों हजारीबाग,कोडरमा, गिरिडीह, चतरा और रामगढ़ में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था, जिसे 36 घंटे बाद फिर से बहाल कर दिया गया.
मो. असग़र खान, स्वतंत्र पत्रकार
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जिस हजारीबाग में हुआ विवाद, वहां भी शुरू हो गया इंटरनेट

दो समुदायों के बीच विवाद हजारीबाग में हुआ था. हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन ने भी क्विंट से बातचीत में ये पुष्टि की कि ''अब इंटरनेट पर कोई बैन नहीं है. पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं.''

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क्या था विवाद?

हजारीबाग में स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा के विसर्जन का जुलूस निकाला जा रहा था. इसी वक्त गांव के कुछ लोग पशुओं को चरा कर लौट रहे थे. जुलूस में बज रहे गाने की आवाज से मवेशी भागने लगे. इसके बाद पशूपालकों ने जुलूस में शामिल युवकों से डीजे बंद करने को कहा और यहीं से विवाद शुरू हो गया. विवाद में 17 वर्षीय रूपेश कुमार पांडेय की हत्या हो गई.

बरही पुलिस थाने में मामला दर्ज कर असलम उर्फ पप्पू नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. हत्या के बाद इलाके में तनाव बढ़ने लगा, मामले को लेकर भड़काऊ फेक न्यूज फैलने लगी. जिसके बाद जिला प्रशासन के कहने पर गृह विभाग ने कुछ जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं.

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