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JNUSU नतीजे: लेफ्ट ने किया 4-0 से क्लीन स्वीप, ABVP के हाथ खाली

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में चारों पदों पर लेफ्ट गठबंधन ने जीत हासिल की, एबीवीपी दूसरे स्थान पर रहा

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में नतीजे घोषित हो गए हैं और लेफ्ट गठबंधन ने क्लीन स्वीप करते हुए चारों पदों पर बड़ी जीत हासिल की है. चारों ही सीटों पर एबीवीपी दूसरे स्थान पर रहा. अध्यक्ष पद की दौड़ में लेफ्ट गठबंधन के उम्मीदवार एन. एस. बालाजी सबसे आगे निकल गए और उन्होंने एबीवीपी के ललित पांडे के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा वोट हासिल किए.

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ये रहा फाइनल रिजल्ट (कुल वोट- 5170)

सेंट्रल पैनल (प्रेसिडेंट)

जाह्नु कुमार हीर -(इंडिपेंडेंट)- 32

●जयंत कुमार 'जिज्ञासु'(छात्र राजद)-540

●ललित पाण्डेय(एबीवीपी)-982

●एन. साईं बालाजी(लेफ्ट)-2161

निधि मिश्रा(सवर्ण छात्र मोर्चा)-

●साईब बिलावल(इंडिपेंडेंट)-125

●थल्लापल्ली प्रवीण(बापसा)-675

●विकास यादव(nsui)-402

◆नोटा- 128

वाइस प्रेसिडेंट

●गीता बरुआ(एबीवीपी)- 1012

●लिजी के बाबू(nsui)- 457

●पूर्णचंद्रा नाईक(बापसा)-644

●सारिका चौधरी(left)- 2592

जेनरल सेक्रेटरी

●एजाज़ अहमद राथेर(लेफ्ट)-2423

●गणेश गुर्जर(एबीवीपी)- 1223

●मो. मोफिजुल आलम(nsui)-328

●विश्वभर नाथ प्रजापति(बापसा)-827

ज्वाइंट सेक्रेटरी

●अमुथा जयदीप(लेफ्ट)- 2047

●वेंकट चौबे(एबीवीपी)-1290

यूनाइटेड लेफ्ट के उम्मीदवार एन.साई बालाजी अध्यक्ष चुने गए तो वहीं सारिका चौधरी को उपाध्यक्ष चुना गया. एजाज अहमद ने महासचिव का चुनाव जीता और अमुथा जयदीप जेएनयू के नए संयुक्त सचिव होंगे.

इससे पहले इलेक्शन कमेटी ने शनिवार सुबह काउंटिंग एरिया में ‘जबरन प्रवेश’ और ‘बैलेट पेटियों को छीनने के प्रयासों’ का हवाला देकर वोटों की गिनती रोक दी थी. वोटो की गिनती शुरू होने की जानकारी न मिलने का दावा करते हुए एबीवीपी ने प्रदर्शन किया.

आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने चुनाव अधिकारियों पर वामपंथी संगठनों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए अदालत जाने की धमकी दी. इसके बाद 12 घंटे तक वोटों की गिनती रोक दी गई. लेफ्ट और एबीवीपी, दोनों ही संगठनों ने एक दूसरे पर हिंसा का आरोप लगाया था.

काउंटिंग 14 सितंबर को रात करीब 10 बजे शुरू हुई लेकिन उसे अब रोक दिया गया है क्योंकि एबीवीपी के सदस्य जबरदस्ती काउंटिंग एरिया में घुस आए और उन्होंने बैलेट बॉक्स को छीनने की कोशिश की. अपने प्रेसिडेंट और जॉइंट सेक्रेटरी उम्मीदवारों संग मिलकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा की और यहां तक की हमारी महिला सदस्यों के साथ भी बदसलूकी की.
हिमांशु कुलश्रेष्ठ, चेयरपर्सन, इलेक्शन कमेटी

इलेक्शन कमेटी ने एबीवीपी के सदस्यों से माफी की मांग की है क्योंकि EC के कई सदस्य बुरी तरह से घायल हुए हैं.

ये थे उम्मीदवार

वाम समर्थित दलों का गठबंधन

स्नैपशॉट
  • वाम समर्थित आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने साथ मिलकर संयुक्त वाम गठबंधन बनाया. इस गठबंधन की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के एन. एस. बालाजी उम्मीदवार थे.
  • डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) की सारिका चौधरी ने उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा
  • एसएफआई के एजाज अहमद राथेर महासचिव पद और जयदीप संयुक्त सचिव पद के लिए मैदान में थे.

एनएसयूआई

एनएसयूआई की तरफ से स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के विकास यादव अध्यक्ष पद पर और एल के बाबू उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़े जबकि मोहम्मद मोफिजुल आलम को सचिव पद और एन रीना को संयुक्त सचिव पद पर चुनाव लड़वाया गया.

एबीवीपी

एबीवीपी ने ललित पांडेय को अध्यक्ष पद के लिए, गीताश्री बरूआ को उपाध्यक्ष पद के लिए, गणेश गुर्जर को महासचिवऔर वी चौबे को संयुक्त सचिव पद के लिए उम्मीदवार बनाया गया.

पिछले दो सालों से जेएनयूएसयू में सभी चार टॉप पदों पर वामपंथी गठबंधन से जुड़े स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ) का कब्जा रहा है.

आरजेडी भी मैदान में

इस साल लालू प्रसाद यादव की पार्टी ने भी अध्यक्ष पद के लिए अपने एक उम्मीदवार को उतारा था. जयंत कुमार आरजेडी की ओर से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़े.

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