लखनऊ पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने पत्रकार अली सोहराब को ट्विटर पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. अली सोहराब को दिल्ली में नंदनगरी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया. सोहराब के भाई सब्रे आलम ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
कमलेश तिवारी हत्याकांड और अयोध्या फैसले पर भड़काऊ ट्वीट के आरोप
काकावाणी ट्विटर हैंडल से पोस्ट करने वाले अली सोहराब पर अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले और हिंदू समाज पार्टी के दिवंगत नेता कमलेश तिवारी की हत्या के संबंध में आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप लगाया गया है. साइबर क्राइम सेल के एक दरोगा ने इस मामले में अली के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया था. अली सोहराब की गिरफ्तारी की खबर के बाद अली सोहराब नाम दिन भर ट्वीटर पर ट्रेंड करता रहा. हालांकि उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि काफी बाद में हुई.
पुलिस के मुताबिक कमलेश तिवारी हत्याकांड पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के बाद सोहराब के ट्विटर हैंडल पर नजर रखी जा रही थी. सोहराब पर अयोध्या प्रकरण पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी भड़काऊ ट्वीट करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप हैं.
हजरतगंज थाने में दर्ज कराई गई थी शिकायत
हजरतगंज थाने के सीओ ने बताया कि शनिवार को अली सोहराब को सुन्दर नगरी, थाना नन्द नगरी स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट में पेश करने के बाद सोहराब को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ले जाया गया.
दिल्ली से हुई गिरफ्तारी,परिवार ने कहा-सीधे उठा कर ले गए
सोहराब की गिरफ्तारी के लिए साइबर क्राइम सेल की टीम लगातार कोशिश में थी. सर्विलांस के जरिये ट्वीट भेजने वाले आईपी एड्रेस की डिटेल जुटाई गई. छानबीन में ट्विटर अकाउंट दिल्ली से संचालित किये जाने की जानकारी मिली.
इस बीच, मानवाधिकार संगठन रिहाई मंच ने कहा है कि सोहराब को बगैर एफआईआर दर्ज कराए गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्हें और उनके परिवार के किसी सदस्य को गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया है. गिरफ्तारी की सूचना परिवार के किसी सदस्य को न देकर कानून और मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया है.
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