जुनैद और नासिर केस (Junaid and Nasir Case) में मंगलवार को दो बड़ा अपडेट हुआ. पहला, नूंह पुलिस ने आरोपी श्रीकांत मरोड़ा के घर छापेमारी के मामले में FIR दर्ज कर ली है, जिसमें राजस्थान पुलिस को आरोपी बनाया गया है. दूसरा अपडेट, मोनू मानेसर के पक्ष में मानेसर में पंचायत की गई.
राजस्थान के 30-40 अज्ञात पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज
जुनैद नासिर केस में आरोपी श्रीकांत की गर्भवती पत्नी से मारपीट के आरोप में FIR दर्ज की गई है. एफआईआर में लिखा गया है कि राजस्थान पुलिस के 30-40 कर्मी आए और घर में घुसकर मारपीट की. उन्होंने न सिर्फ गंदी-गंदी गालियां दी बल्कि प्रार्थी के दो बेटे विष्णु और राहुल को जबरन उठा ले गए. मारपीट के कारण श्रीकांत की गर्भवती पत्नी की हालत खराब हो गई और उसके पेट में बच्चे की मौत हो गई.
वहीं, मोनू मानेसर के पक्ष मानेसर में महापंचायत का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने NH-48 को जाम कर दिया और कहा कि मोनू मानेसर को गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान पुलिस अपने रिस्क पर आए.
पंचायत में आरोप लगाया गया कि राजस्थान पुलिस मनमानी कर रही है और बेवजह गौ रक्षकों को फंसाना चाहती है. पंचायत ने कमेटी गठन कर ACP से मुलाकात कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और मोनू मानेसर के परिवार को अन्य गौ रक्षकों को सुरक्षा देने की मांग की.
पंचायत में निर्णय लिया गया कि अगर मोनू मानेसर की गिरफ्तारी होती है तो बड़े स्तर में प्रदर्शन किया जाएगा. यहां आपको क्रमवार समझाते हैं कि अब तक पूरे मामले में क्या हुआ?
क्यों दर्ज की गई FIR?
दरअसल, आरोपी श्रीकांत की मां ने 18 फरवरी को राजस्थान पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये थे. मां दुलारी ने कहा, "घर में श्रीकांत की गर्भवती पत्नी कमलेश मौजूद थी. उसे धक्का देकर बेरहमी से पिटाई की. मारपीट के दौरान वह जमीन पर गिर गई और दर्द से तड़पने लगी. कमलेश की हालत खराब होते देख परिजनों ने उसे अल अफिया हॉस्पिटल मांडीखेड़ा में एडमिट किया, जहां उसकी गंभीर हालत देखते हुए मेडिकल कॉलेज नूंह में भर्ती किया गया."
श्रीकांत की मां दुलारी ने कहा कि 18 फरवरी को जब कमलेश की हालत बिगड़ने लगी तो सुबह डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया. इस दौरान उसके पेट से 9 महीने का मृत बच्चा निकाला गया.
मामला तूल पकड़ने के बाद नूंह एसपी के आदेश पर श्रीकांत के बच्चे का शव 19 फरवरी को कब्र से बाहर निकाला गया और 20 फरवरी शाम छह बजे उसका पोस्टमार्टम कराया गया.
राजस्थान पुलिस ने क्या कहा?
पूरे मामले पर राजस्थान के DGP उमेश मिश्रा ने श्रीकांत की मां के आरोपों को निराधार बताया है.उन्होंने कहा कि गोपालगढ़ केस में गिरफ्तार रिंकू सैनी के अलावा 8 और आरोपियों को चिन्हित किया गया है, कुछ और लोग संदेह के घेरे में हैं, आरोपियों के ठिकानों पर हरियाणा पुलिस के साथ गहन जांच की जा रही है, आरोपी के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं.
कानून के मुताबिक हो रही कार्रवाई-DGP
DGP उमेश मिश्रा ने कहा, "राजस्थान पुलिस कानून के मुताबिक कार्रवाई कर रही है और अब तक जो भी कार्रवाई हुई है वो हरियाणा पुलिस के साथ की गई है. हमें हरियाणा पुलिस का पूरा सहयोग मिल रहा है और मैं खुद हरियाणा के डीजीपी के संपर्क में हूं. भरतपुर रेंज के IG, SP हरियाणा पुलिस के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं."
भरतपुर एसपी श्याम सिंह ने दुलारी के आरोप को झूठ बताया, उन्होंने कहा, "राजस्थान पुलिस ने हरियाणा में नामजद आरोपियों के घरों पर छापा मारा था और हरियाणा पुलिस भी वहां मौजूद थी. जहां तक घर में प्रवेश करने की बात है तो न केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा पुलिस भी घर में नहीं घुसी थी."
एसपी श्याम सिंह ने कहा,
आरोपी घर में मौजूद नहीं था. उसके दो भाई घर से बाहर आए थे और उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था. महिला के लगाए गए आरोप झूठे हैं. उनके परिवार के सदस्य पर आरोप है, इसलिए व आरोप लगा रहे हैं.
दो राज्यों के बीच फंसा मामला,पक रही सियासी 'खिचड़ी'?
हरियाणा और राजस्थान में जारी जांच के बीच, दोनों तरफ से सियासत भी खूब हो रही है.राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गोपालगढ़ मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से फोन पर बात की. इस दौरान खट्टर ने कार्रवाई में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. गहलोत ने कहा कि राजस्थान पुलिस हरियाणा पुलिस के साथ समन्वय कर कार्रवाई कर रही है, पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित किया जाएगा.
अशोक गहलोत ने आगे कहा, "राजस्थान के डीजीपी ने स्पष्ट किया है कि हरियाणा में आरोपी के घर में घुसकर राजस्थान पुलिस के द्वारा परिजनों से मारपीट की खबरें निराधार हैं. आरोपी के घर राजस्थान पुलिस ने प्रवेश नहीं किया है."
BJP ने राजस्थान सरकार पर लगाया आरोप
अलवर से बीजेपी सांसद बाबा बालकनाथ ने आरोप लगाया था कि इस तरह की संवेदनशील घटनाओं पर हिंदू संगठनों को निशाना बनाने की राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार इरादतन निर्दोषों को फंसाने का प्रयास कर रहीं है. हिंदू संगठनों के खिलाफ द्वेषभाव रखने वाली राजस्थान सरकार ने परिजनों पर दबाव बनाते हुए झूठी FIR लिखवाई है, जिसके आधार पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर हुई कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है.
भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोली ने कहा, "भरतपुर पुलिस द्वारा हरियाणा में जाकर बर्बरता पूर्वक श्रीकांत के परिवार के साथ मारपीट करना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. आरोप है कि पुलिस की पिटाई से उसकी पत्नी के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई है. इस मामले में जिले के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए."
क्या है मामला?
दरअसल, 15 फरवरी को हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई बोलेरो गाड़ी में दो युवकों के नर कंकाल मिले थे.पुलिस और परिजनों ने पहचान की कि गाड़ी भरतपुर के रहने वाले जुनैद और नासिर की है. हालांकि, अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गाड़ी में मिले शव उन्हीं दोनों के थे.
जुनैद और नासिर के परिवार ने आरोप लगाया था कि बजरंग दल के सदस्यों ने पहले जुनैद और नासिर का अपहरण किया, जिसके बाद दोनों के साथ मारपीट की गई और फिर दोनों को भिवानी ले जाकर जिंदा जलाया गया.
इस संबंध में गोपालगढ़ थाना पुलिस ने बजरंग दल गौ रक्षा दल प्रमुख मोनू मानेसर सहित मेवात के रहने वाले तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
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