कानपुर में एक कुख्यात अपराधी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं गईं और इस हमले में एक डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. अब इस मामले को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पुलिसकर्मियों का योगदान व्यर्थ नहीं जाएगा. जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं वो बच नहीं पाएंगे. साथ ही सीएम ने शहीदों के परिजनों को 1-1 करोड़ का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
इस मामले को लेकर सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, ये घटना काफी दुखद है. इस घटना के होने के बाद से ही पुलिस के तमाम बड़े अधिकारी इस पूरी घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए छापेमारी कर रही है. सीएम योगी ने कहा,
“इसके लिए कई टीमों का गठन किया गया है. इस मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गए हैं. इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी अपराधी को बक्शा नहीं जाएगा.”
अपराधी विकास दुबे की थी तलाश
बता दें कि यूपी पुलिस के पुलिसकर्मियों की एक टीम अपराधी विकास दुबे की तलाश में छापेमारी पर गए थे. लेकिन पहले से घात लगाकर बैठे विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस की टीम पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया. अचानक हुए इस हमले में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, वहीं करीब 6 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं. विकास पहले भी कई अपराधों को अंजाम दे चुका है. उसे परोल पर छोड़ा गया था.
DGP ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस उसे पकड़ने गई थी, लेकिन उन्होंने वहां JCB लगा दी थी, जिससे हमारी गाड़ियां आगे नहीं बढ़ पाईं. जब फोर्स नीचे उतरी तो अपराधियों ने गोलियां चलाई,जवाबी फायरिंग हुई लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे,इसलिए हमारे पुलिस कर्मी शहीद हो गए.
पूर्व डीजीपी बोले- दुबे को थी जानकारी
इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि, "अभियुक्त को पूरी जानकारी थी कि पुलिस का दल आ रहा है. इसिलए उसने मेन रोड पर जेसीबी मशीन लगा दिया था, जिससे रास्ता बंद हो जाए. इसके अलावा उसे पास जो हथियारों जखीरा था, इसे ये बात साबित हो जाती है कि उसे अच्छी तरह से पता था कि पुलिस की टीम आ रही है. पुलिस के ऊपर ये अप्रत्याशित घटना थी, उनको भी अंदाजा नहीं था कि उनके ऊपर ऐसे अचानक से हमला हो जाएगा."
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)