कर्नाटक में 12 मई को चुनाव
15 मई को आएंगे नतीजे
एक चरण में होगी वोटिंग
17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे
27 अप्रैल तक कैंडिडेट अपना नाम वापस ले सकेंगे
कर्नाटक की 224 सीटों पर चुनाव
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्य में 12 मई को वोटिंग होगी और 15 मई को नतीजे आएंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने बताया कि चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही आज से कर्नाटक में चुनाव आचार संहिता लागू हो गया है.
चुनाव आयोग के मुताबिक 17 अप्रैल से 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे. इसके बाद 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 27 अप्रैल तक कैंडिडेट अपना नाम वापस ले सकेंगे. कर्नाटक की 225 विधानसभा सीटों में से 224 सीटों पर चुनाव होने हैं. जबकि एक सीट पर ऐंग्लो-इंडियन समुदाय से सदस्य मनोनीत होगा.
- कर्नाटक में 4 करोड़ 96 लाख वोटर
- आबादी का 72% से ज्यादा वोटर
- चुनाव में 56 हजार पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे
- EVM के साथ VVPAT का होगा इस्तेमाल
- महिलाओं के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
- कर्नाटक में आचार संहिता लागू
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं
- चुनावी खर्च पर विशेष नजर रखी जाएगी: EC
- उम्मीदवार 28 लाख खर्च कर सकते हैं
- चुनावी खर्च पर विेशेष नजर रखी जाएगी
राहुल गांधी से लेकर अमित शाह तक कर्नाटक में
चुनाव की तैयारी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक में डेरा जमाये हुए हैं. जहां एक तरफ देश में कांग्रेस सिमटती जा रही है वहीं सीएम सिद्धारमैया कर्नाटक में कांग्रेस का किला बचाने में जुटे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी ने बी.एस.येदुरप्पा को सीएम उम्मीदवार बनाया है.
राहुल गांधी ने चुनाव को देखते हुए बीते दो महीने में चार बार कर्नाटक का दौरा किया है. राहुल लगातार रोड शो, छोटी-बड़ी जनसभाएं और मंदिर-दरगाह पर जा रहे हैं.
वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी बीते एक महीने में दो बार कर्नाटक जा चुके हैं.
अमित शाह ने कहा- जड़ से उखाड़ फेकेंगे कांग्रेस को
सोमवार को वे दूसरी बार दो दिन के कर्नाटक दौर पर पहुंचे. सोमवार को अपने दूसरे दौरे पर अमित शाह ने कहा कि,
कर्नाटक में उनकी पार्टी के पक्ष में सुनामी है और यह चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को न सिर्फ हराएगी बल्कि उसे जड़ से उखाड़ देगी.
दोनों पार्टियों का हाल
बता दें कि 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल हुई थी. बीजेपी ने दोबारा सरकार बनाई और बीएस येदियुरप्पा दोबारा सीएम बनाये गए. लेकिन दोबारा सीएम बनने के कुछ दिन बाद ही उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे.
साल 2011 में भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. यहां तक कि 2008 से 2013 के बीच बीजेपी को पांच साल में तीन मुख्यमंत्री बदलने पड़े थे. साल 2013 कांग्रेस ने 122 सीटें जीत कर बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया था. और बीजेपी सिर्फ 40 सीटों पर सिमट कर रह गई थी. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जेडीएस भी मैदान में है. जेडीएस के पास 40 विधायक हैं.
किसके पास क्या मुद्दा?
कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा की सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार को मुद्दा बना सकती है. वहीं अभी हाल ही में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत समुदाय को धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दिया था. जिसे बीजेपी मुद्दा बना रही है. साथ ही बीजेपी कर्नाटक में संघ के कई कार्यकर्ताओं की हत्या को भी मुद्दा बना सकती है.
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