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हिजाब पर फैसला देने वाले जजों को सुरक्षा: X,Y और Z कैटेगरी क्या होती है?

इस तरह के सिक्योरिटी कवर कौन प्रदान करता है, आइए जानते हैं इसके बारे में जरूरी बातें

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पिछले दिनों हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के तीन जजों को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी जाएगी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार, 20 मार्च को ये बात कही. बता दें कि तथाकथित तौर पर जजों को जान से मारने की धमकी देने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के कुछ ही दिनों बाद यह बात सामने आई है.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले सभी तीन जजों को 'वाई' कैटेगरी की सेक्योरिटी देने का फैसला किया है. कुछ लोगों ने जजों को जान से मारने की धमकी दी थी, इस पर मैंने अधिकारियों को जांच करने का निर्देश दिया है.

सुरक्षा की अन्य कैटेगरीज कौन सी हैं?

सिक्योरिटी कवर कुल 6 तरह की होती हैं.

  • X

  • Y

  • Y+

  • Z

  • Z+

  • स्पेशल सेक्योरिटी ग्रुप (SPG)

एसजीपी का सालाना बजट करीब 600 करोड़ रुपये है और यह ग्रुप सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा करता है. हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा जरूरी समझे जाने पर अन्य कैटेगरीज में से किसी एक को सुरक्षा के लिए लगाया जा सकता है.

X कैटेगरी का सिक्योरिटी कवर क्या है?

  • यह केंद्र का सबसे कम पावर वाला सिक्योरिटी कवर है.

  • जिस व्यक्ति को एक्स कैटेगरी की सिक्योरिटी दी जाती है, उसके साथ हर वक्त दो सशस्त्र कर्मी होते हैं.

  • इसके तहत कोई कमांडो नहीं दिया जाता.

Y श्रेणी की सुरक्षा के क्या लाभ हैं?

वाई कैटेगरी की सिक्योरिटी में इन चीजों को शामिल किया गया है...

  • सुरक्षा के लिए कुल 11 जवान

  • इसमें एक या दो कमांडो भी शामिल होते हैं.

  • इनमें से 5 जवान आवास पर तैनात होते हैं. (1 कमांडो, 4 कॉन्सटेबल)

  • सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ तीन व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) होते हैं.

  • पीएसओ को तीन शिफ्टों में रोटेशन के आधार पर तैनात किया जाता है (एक PSO हर समय सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ होता है)

  • कुमार विश्वास, हार्दिक पटेल और एमएस धोनी को Y कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई है.

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वाई प्लस सेक्योरिटी Y सिक्योरिटी से किस तरह से अलग है?

वाई प्लस सिक्योरिटी आवास पर वाई सिक्योरिटी कवर के जैसे ही सुरक्षा प्रदान करती है, लेकिन इसके साथ 6 पीएसओ तैनात होते हैं. यानी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के साथ हर समय 2 पीएसओ होते हैं.

Z सिक्योरिटी कवर क्या है?

Z सिक्योरिटी कवर में निम्न तरह की सुविधाएं दी जाती हैं...

  • 22 सुरक्षाकर्मी

  • घर पर दो से आठ हथियारबंद गार्ड

  • हर वक्त 2 पीएसओ

  • सफर के लिए एक से तीन सशस्त्र कर्मियों की सिक्योरिटी

जेड प्लस सिक्योरिटी क्या है?

  • यह सिक्योरिटी का सबसे हाईलेवल होता है,जो देश में प्रधानमंत्री के सुरक्षा कवर के बाद दूसरे नंबर पर आता है. इसमें कई सुविधाएं दी जाती हैं...

  • 55 कर्मचारी

  • इसमें भारत-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और रेलवे सिक्योरिटी फोर्स (RPF) के जवान शामिल होते हैं.

  • नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के 10 कमांडो

  • लोकल पुलिसकर्मी

  • मौजूदा वक्त में गृह मंत्री अमित शाह और गांधी परिवार के पास यह सिक्योरिटी कवर है.

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मौजूदा वक्त में कुल कितने लोगों को सिक्योरिटी कवर दिया गया है?

मार्च 2018 में, केंद्र सरकार ने लोकसभा में कहा था कि विभिन्न श्रेणियों के तहत कुल 300 लोगों को केंद्रीय सुरक्षा कवर प्रदान किया गया था.

सिक्योरिटी कवर किसे दिए जाते हैं?

मंत्रियों और राजनेताओं को उनकी पॉलिटिकल पोजीशन के आधार पर सिक्योरिटी कवर दिया जाता है.

इसके अलावा इंटेलीजेंस एजेंसीज के द्वारा इनपुट रिव्यू करने के बाद गृह मंत्रालय द्वारा अप्रूव होने पर वीआईपी और प्राईवेट व्यक्तियों को इस तरह के सिक्योरिटी कवर दिए जाते हैं.

सिक्योरिटी कवर देने के लिए कौन जिम्मेदारी संभालता है?

दो फोर्सेज को वीआईपी सुरक्षा देने का काम सौंपा गया है:

सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF)

सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF)

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