बेंगलुरु दंगों की जांच कर रही सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) की चार्जशीट का कहना है कि बेंगलुरु के एक पूर्व मेयर, एक पूर्व पार्षद और विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के बीच की राजनीतिक दुश्मनी की वजह से 11 अगस्त को हिंसा हुई. चार्जशीट में कांग्रेस से पूर्व बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के मेयर संपथ राज, उनके निजी सहायक अरुण, कार ड्राइवर संतोष, मुजाहिद खान और पूर्व पुलकेशीनगर पार्षद अब्दुल राखिब जाकिर का नाम है.
चार्जशीट में कहा गया कि एक करीबी समूह ने विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के निवास पर हमले की कथित योजना बनाई थी. इस समूह में आरोपी सदस्य भी शामिल हैं. मुजाहिद खान को मुस्लिम समुदाय के लोगों को विधायक के खिलाफ भड़काने का काम दिया गया था.
चार्जशीट का कहना है कि हमले की योजना महीनों पहले बन गई थी और आरोपी सदस्यों ने 11 अगस्त को एक कथित आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के बाद की स्थिति का फायदा उठाया.
11 अगस्त की रात को एक हिंसक भीड़ ने डीजे हल्ली और विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के निवास और ऑफिस पर एकसाथ हमला बोल दिया था. भीड़ कथित रूप से विधायक के रिश्तेदार पी नवीन के एक फेसबुक कमेंट से नाराज थी.
पुलिस के तुरंत FIR दर्ज करने के इंकार करने के बाद भीड़ और हिंसक हो गई थी. पुलिस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए गोली चलाई थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई.
चार्जशीट क्या कहती है?
मूर्ति उन सात विद्रोही जेडीएस विधायकों में से हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनावों से पहले 25 मार्च 2018 को कांग्रेस जॉइन की थी.
चार्जशीट में कहा गया कि संपत राज पुलकेशीनगर विधानसभा सीट से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने मूर्ति को टिकट दे दिया. संपत राज ने सीवी रमन नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.
पुलिस के मुताबिक, तीन महीने पहले संपत और उनके साथियों ने एक साजिश रची और डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले हसीना हॉल में एक बैठक की.
चार्जशीट में पुलिस ने कहा, "मुसलमानों को भड़काकर हंगामा करने के लिए कुछ आरोपी बैठक किया करते थे. उन्हें मौका मिला जब मूर्ति के भतीजे नवीन ने एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट किया."
कांग्रेस के खिलाफ साजिश
15 अक्टूबर को कांग्रेस ने पुलिस के दावे को खारिज किया कि पार्टी की अंदरूनी दुश्मनी की वजह से हिंसा हुई थी.
सरकार को हिंसा का जिम्मेदार ठहराते हुए कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि आरोप पार्टी के खिलाफ साजिश का हिस्सा हैं. शिवकुमार ने पुलिस पर सत्ताधारी बीजेपी के 'एजेंट' की तरह बर्ताव करने का आरोप लगाया.
CCB के अलावा नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) भी केस की जांच कर रही है. 12 और 13 अक्टूबर को एजेंसी ने कांग्रेस नेता रिजवान अरशद और जमीर अहमद खान को समन किया था.
(ये कॉपी द न्यूज मिनट के साथ स्पेशल अरेंजमेंट के तहत छापी गई है.)
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