कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) ने राज्य भर की मस्जिदों को नोटिस जारी किए हैं. पुलिस ने अपने नोटिस में ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) नियमों का उल्लंघन न करने और अजान के लिए निर्धारित डेसिबल स्तर पर ही लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के निर्देश दिए हैं.
बेंगलुरु पुलिस आयुक्त कमल पंत ने कहा कि गुरुवार, 7 अप्रैल को पुलिस ने मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों सहित 300 से अधिक प्रतिष्ठानों को लाउडस्पीकर का उपयोग निर्धारित डेसिबल स्तर के भीतर करने के लिए नोटिस भेजा है.
हिंदूवादी संगठनों ने की थी मांग
आपको बता दें कि कुछ संगठनों ने पुलिस से शिकायत करते हुए मस्जिदों में लाउडस्पीकर के 'दुरुपयोग' की जांच करने की मांग की थी. इन संगठनों का आरोप था कि लाउडस्पीकर की आवाज से आस-पास के इलाको में लोगों को परेशानी होती है.
कुछ हिंदू संगठनों का आरोप है कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज से छात्रों, मरीजों, बुजुर्गों सहित रात में काम करने वाले लोगों को दिक्कत होती है.
DGP ने दिए थे जांच के निर्देश
कर्नाटक के DGP प्रवीण सूद ने सभी पुलिस आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को धार्मिक स्थानों, पब, नाइट क्लब और अन्य संस्थानों के अलावा समारोहों में ध्वनि प्रदूषण संबंधी नियमों के उल्लंघन की जांच करने का निर्देश दिया है.
बुधवार, 5 अप्रैल को जारी सर्कुलर में कहा गया है,
"इस संबंध में आपको कानून के अनुसार ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण नियम 2000) का उल्लंघन करते पाए जाने पर धार्मिक संस्थानों, पब, नाइट क्लब और किसी भी अन्य संस्था और आयोजनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है."
डीजीपी के निर्देश के बाद सिर्फ बेंगलुरु में कम से कम 250 मस्जिदों को पुलिस से नोटिस मिला है.
मस्जिदों में लगाए जा रहे उपकरण
बेंगलुरु में जामा मस्जिद के खतीब-ओ-इमाम मकसूद इमराने ने कहा कि पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद बेंगलुरु में मस्जिदों ने ऐसे उपकरण लगाने शुरू किए हैं जिससे ध्वनि का स्तर प्राप्त अनुमति के भीतर रहे.
उन्होंने बताया, "पुलिस ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की जरूरत है और अगर आदेशों का पालन नहीं किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी."
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